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सास-ससुर की संपत्ति पर बहू का अधिकार एक महत्वपूर्ण और जटिल कानूनी विषय है। क्या बहू को अर्जित और पैतृक संपत्ति में हक मिल सकता है? यह सवाल अक्सर विवाद का कारण बनता है। कानून के मुताबिक, बहू को कुछ परिस्थितियों में अधिकार मिल सकता है, लेकिन इसके लिए विशेष शर्तें होती हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि सास-ससुर की संपत्ति में बहू का कितना हक बनता है।
1. अर्जित संपत्ति पर बहू का हक (Self-acquired Property):
- सास-ससुर के अधिकार:
सास-ससुर की अर्जित संपत्ति पर उनका पूर्ण अधिकार होता है। बहू का इस पर कोई कानूनी हक नहीं होता, जब तक वे जीवित हैं।
- पति के देहांत पर स्थिति:
अगर पति की मृत्यु हो जाती है और सास-ससुर ने वसीयत नहीं बनाई है, तो बहू को उत्तराधिकार कानून के तहत संपत्ति में हिस्सा मिल सकता है।
2. पैतृक संपत्ति पर बहू का हक (Ancestral Property):
- पैतृक संपत्ति की परिभाषा:
यह संपत्ति वह है, जो परिवार में बिना बंटवारे के चार पीढ़ियों तक चलती है।
- बहू का अप्रत्यक्ष अधिकार:
पति का जन्मसिद्ध अधिकार होने के कारण बहू को भी अप्रत्यक्ष रूप से इस संपत्ति का लाभ मिल सकता है।
3. पति की संपत्ति में बहू का अधिकार:
- पति की अर्जित संपत्ति:
पत्नी को पति की कमाई से अर्जित संपत्ति पर कानूनी अधिकार होता है। पति की मृत्यु के बाद, पत्नी उत्तराधिकारी के रूप में इस संपत्ति पर दावा कर सकती है।
महत्वपूर्ण कानूनी बिंदु:
- पति के जीवित रहते:
बहू सास-ससुर की अर्जित संपत्ति पर दावा नहीं कर सकती।
- वसीयत न होने पर:
अगर सास-ससुर ने वसीयत नहीं बनाई है, तो उनकी संपत्ति उत्तराधिकार कानून के तहत पति के हिस्से के आधार पर बांटी जाएगी, जिससे बहू को अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
- पैतृक संपत्ति का नियम:
पैतृक संपत्ति पर बेटे का जन्मसिद्ध अधिकार होता है, और इसी आधार पर बहू को भी इसका लाभ मिल सकता है।
कानूनी सलाह का महत्व:
संपत्ति विवादों से बचने और अपने कानूनी अधिकारों को समझने के लिए एक विशेषज्ञ वकील की सलाह लेना हमेशा फायदेमंद रहता है।