- SHARE
-
ठीक दो साल पहले एक महिला ने अपने पति की हत्या कर दी थी, जिससे यह मामला पुलिस के लिए रहस्य बना रहा। हालांकि, इस मामले में तब सफलता मिली जब दंपति की नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली बेटी ने अपनी मां के अपराध की सच्चाई उजागर की।
कोर्ट का फैसला
बेटी की गवाही के आधार पर पिथौरागढ़ सत्र न्यायालय ने महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया, साथ ही जुर्माना न चुकाने पर 5 साल अतिरिक्त जेल की सजा का भी प्रावधान किया।
संदेह और जांच
14 फरवरी, 2022 को पूरन राम ने राजस्व पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उसने अपनी 40 वर्षीय भाभी सुनीता देवी पर अपने पति जीतेंद्र राम की हत्या का आरोप लगाया। जीतेंद्र और सुनीता पिथौरागढ़ के डिगास गांव में रहते थे, जबकि पूरन दूसरे गांव में रहता था। 12 फरवरी की रात को जीतेंद्र की मौत की खबर मिलने के बाद, पूरन ने जीतेंद्र के कपड़ों और आस-पास के इलाके में खून के धब्बे देखे, जिससे उसे शक हुआ।
बेटी ने सच बताया
पूरन को बाद में जीतेंद्र की 15 वर्षीय बेटी से पूरी कहानी पता चली। उसने पूरन को बताया कि उसके पिता के काम से घर लौटने के बाद, उसके माता-पिता के बीच बहस हुई। सुनीता ने दरवाजा बंद कर दिया, जीतेंद्र पर बुरी तरह से हमला किया और गुस्से में आकर ब्लेड से उसके गुप्तांगों को काट दिया। बेटी ने पूरी घटना खिड़की से देखी और बार-बार अपनी मां से दरवाजा खोलने की विनती की, लेकिन सुनीता ने मना कर दिया। अत्यधिक खून बहने से जीतेंद्र की मौत हो गई।
अदालत में दी गवाही
पूरण को हत्याकांड का किस्सा सुनाने के बाद बेटी ने पुलिस को भी सबकुछ सच-सच बता दिया। वहीं बेटी ने मां के खिलाफ अदालत में भी गवाही दी। पूछताछ के दौरान सुनीता ने भी अपना गुनाह मान लिया। मर्डर के बाद सुनीता ने उस ब्लेड को झाड़ी में फेंक दिया। जांच के दौरान पुलिस ने ब्लेड बरामद कर लिया।
कोर्ट ने सुनाया फैसला
पिथौरागढ़ सेशन कोर्ट ने ये खौफनाक कहानी सुनने के बाद 23 जुलाई 2024 को फैसला सुनाया। अदालत ने सुनीता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा कोर्ट ने सुनीता को 50 हजार रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया है। वहीं जुर्माना ना देने पर सुनीता को 5 साल और जेल की सजा काटनी पड़ सकती है।