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आचार्य चाणक्य, जिन्हें मौर्य काल के अद्वितीय राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और कूटनीतिज्ञ के रूप में जाना जाता है, आज भी अपनी नीतियों के लिए प्रसिद्ध हैं। चाणक्य नीति के जरिए न केवल चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी, बल्कि कई अन्य राजाओं ने भी अपने साम्राज्य के विस्तार में इन नीतियों का अनुसरण किया। चाणक्य की बुद्धिमत्ता और विचार आज भी प्रेरणादायक हैं।
चाणक्य के अनुसार, धनवान बनने और तरक्की करने के लिए सही स्थान का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि व्यक्ति गलत जगहों पर रहता है, तो वह गरीबी और असफलता में फंसा रह सकता है।
इन स्थानों पर न रहें, वरना रुक जाएगी उन्नति:
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धर्म का ज्ञान न होने वाली जगह:
अगर आप ऐसी जगह पर रहते हैं, जहां वेद और धर्म का ज्ञान देने वाले ब्राह्मण नहीं हैं, तो वहां धर्मिक और आध्यात्मिक प्रगति नहीं हो पाती। इस वजह से आप जीवनभर उसी स्थिति में फंसे रह सकते हैं।
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कारोबारियों और व्यापारियों का अभाव:
आचार्य चाणक्य के अनुसार, ऐसे स्थान पर रहना जहां कोई व्यापारी या कारोबारी न हो, निर्धनता और असफलता का कारण बन सकता है। व्यापार से उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।
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वैद्य और चिकित्सक का न होना:
यदि आपके आस-पास कोई वैद्य या डॉक्टर नहीं है, तो ऐसी जगह छोड़ देनी चाहिए। ऐसी जगहें केवल बीमारी और गरीबी को बढ़ावा देती हैं।
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पानी की उपलब्धता:
चाणक्य कहते हैं कि "जल ही जीवन है।" इसलिए, ऐसी जगह पर रहना चाहिए जहां पानी की उचित उपलब्धता हो। यह समृद्धि और सुख का आधार है।