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केंद्र सरकार ने पेंशनभोगियों की सुविधा और उनके लाभों में सुधार के लिए 6 नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये दिशा-निर्देश विशेष रूप से 2006 से पहले सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिनकी पेंशन में विसंगतियां थीं। इनमें पेंशन, सामान्य भविष्य निधि (GPF), ग्रेच्युटी, और नई पेंशन प्रणाली (NPS) से जुड़े सुधार शामिल हैं।
दिशा-निर्देश 1: पेंशन संशोधन
2006 से पहले सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों को उनकी पेंशन दो तरीकों से तय की जाएगी:
- अंतिम वेतन का 50%
- न्यूनतम वेतन बैंड + ग्रेड पे का 50%
दिशा-निर्देश 2: सेवा अवधि और पेंशन पात्रता
10 वर्षों से कम सेवा अवधि वाले कर्मचारियों को भी पेंशन का लाभ मिलेगा। कुछ महीनों की सेवा को पूर्ण वर्ष माना जाएगा, और निलंबन अवधि को सेवा अवधि में शामिल किया जाएगा।
दिशा-निर्देश 3: देरी पर ब्याज भुगतान
यदि सेवानिवृत्ति लाभों के भुगतान में 3 महीने से अधिक की देरी होती है, तो पेंशनभोगियों को 6% ब्याज दिया जाएगा।
दिशा-निर्देश 4: NPS बनाम OPS
NPS के तहत मृत कर्मचारियों के परिवार को पुरानी पेंशन योजना (OPS) के लाभ मिलेंगे। यदि परिवार में कोई पात्र सदस्य नहीं है, तो NPS फंड कानूनी उत्तराधिकारी को दिया जाएगा।
दिशा-निर्देश 5: GPF सीमा और ब्याज
GPF में योगदान सीमा 5 लाख रुपये होगी। सीमा पार करने पर अतिरिक्त कटौती रोकी जाएगी, और उस पर ब्याज कर योग्य होगा।
दिशा-निर्देश 6: अस्थायी कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी
अस्थायी कर्मचारियों को उनके सेवा वर्षों के आधार पर ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा।
नए दिशा-निर्देशों का महत्व
इन नए दिशा-निर्देशों से पेंशनभोगियों को वित्तीय राहत, पारदर्शिता और न्यायसंगत लाभ मिलने की उम्मीद है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी सेवानिवृत्त कर्मचारी और उनके परिवार इन नीतियों से बेहतर लाभ प्राप्त कर सकें।