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1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले केंद्रीय बजट से मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को आयकर में राहत की बड़ी उम्मीद है। बढ़ती महंगाई और आर्थिक दबाव के बीच, यह संभावना जताई जा रही है कि सरकार टैक्स स्लैब में बदलाव और दरों में कटौती जैसे कदम उठा सकती है, जिससे लोगों की क्रय शक्ति में सुधार होगा और उनकी बचत बढ़ेगी।
आयकर में राहत की संभावनाएं
पिछले बजट में, सरकार ने नए टैक्स सिस्टम को आकर्षक बनाने के लिए कई सुधार किए, जैसे स्टैंडर्ड डिडक्शन को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 करना। इस बार भी उम्मीद है कि टैक्स स्लैब को और अधिक लचीला बनाया जाएगा और मध्यम वर्ग को वित्तीय राहत दी जाएगी।
पिछले आयकर सुधारों पर नजर
2020-21 में वैकल्पिक टैक्स सिस्टम लाया गया था, जिसमें कम टैक्स दरें थीं लेकिन सामान्य छूटों को छोड़ने की शर्त थी। यह बदलाव खासतौर पर उन करदाताओं के लिए फायदेमंद था जो कटौतियों का लाभ नहीं उठाते। 2024 के बजट में भी टैक्सपेयर्स के लिए राहत दी गई, जैसे:
- बेसिक टैक्स-फ्री आय सीमा का विस्तार।
- कुछ आय स्तरों पर टैक्स दरों में कटौती।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाना।
- लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स को घटाना।
जनता की उम्मीदें और बजट 2025 की संभावनाएं
इस बार करदाताओं को आयकर छूट की सीमा बढ़ने और टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बजट से पहले हुई चर्चाओं में, आर्थिक विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि टैक्स दरों में कटौती से मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति में सुधार होगा और आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी।
क्या यह बजट आम आदमी के लिए राहत लेकर आएगा? इसका जवाब 1 फरवरी 2025 को मिलेगा।