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pc:news24online
एक दिन अर्जुन ने श्री कृष्ण से पूछा हे नारायण! मेरे मन में कुछ प्रश्न है, जिसका जवाब आप क्या मुझे दे सकते हैं? कृपया मुझे इस बारे में जानकारी दीजिए कि अच्छे लोग हमेशा दुखी क्यों रहते हैं? इस बारे में श्री कृष्ण ने जानकारी दी।
कृष्ण कथा
प्राचीन काल में एक नगर में दो पुरुष रहा करते थे। उनमे से एक व्यापारी और दूसरा चोर था। व्यापारी रोज मंदिर जाता और भगवान की पूजा करता था। रोज वह गरीबों को भोजन भी करवाता था। वह दान भी बेहद करता था। वहीं चोर तो मंदिर जाकर पैसे को चुरा लेता था। तभी एक दिन उस नगर में बेहद ही तेज बारिश हुई। बारिश की वजह से तब मंदिर में पुजारी के अलावा कोई भी मौजूद नहीं था। बारिश होता देख चोर मंदिर पहुंच गया। पुजारी कुछ देर बाद जब कहीं चले गए तो चोर ने सब कुछ चुरा लिया।
बारिश बंद होने के बाद वह व्यापारी वहां पहुंचा और जब पुजारी वापस आया तो उसने देखा वहां से सब कुछ चोरी हो गया है। उसने व्यापारी को ही चोर समझ लिया। वह चोर-चोर की आवाज लगाकर शोर मचाने लगा। तभी आस आपस के लोग वहां पहुंचे। सभी ये समझने लगे कि व्यापारी ही चोर है। यह देख व्यापारी हैरान हो गया। वह जैसे तैसे मंदिर से बच कर निकला। मंदिर से निकलते ही व्यापारी एक गाड़ी से टकरा कर घायल हो गया। वह घर पहुंचकर सोचने लगा,कि ये मेरे साथ क्यों हो रहा है? मैं तो रोज पूजा भी करता हूं, गरीबों को दान भी देता हूं।
कर्मों की सजा
फिर कुछ दिनों के बाद दोनों की मृत्यु हो गई। मृत्यु के बाद जब वे यमराज के पास पहुंचे तो अपने सामने दूसरे व्यक्ति को देखकर व्यापारी यमराज से पूछने लगा मैंने जीवन भर अच्छे कर्म किये तब भी मुझे हमेशा अपमानित क्यों होना पड़ा? मैंने इतने दान किए फिर भी मुझे दुःख झेलना पड़ा। लेकिन यह पापी जीवित रहते हमेशा सुखी ही रहा। तब यमराज ने कहा तुम गलत सोच रहे हो। क्योकिं जिस दिन तुम गाड़ी से टकराए थे वही तुम्हारे जीवन का आखिरी दिन था। परन्तु तुम्हारे अच्छे कर्मों के कारण ही तुम उस दिन बच गए। इस पापी व्यक्ति की कुंडली में राजयोग लिखा था लेकिन बुरे कर्मों के कारण यह भोग नहीं पाया। इसके बाद श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा पअब तुम्हें समझ आ गया होगा कि कोई भी अच्छा कर्म करने वाला व्यक्ति दुखी क्यों दिखता है?
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