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जनवरी 2025 से पुरानी गाड़ियां बेचने पर 18% GST लागू किया जाएगा। यह नया नियम सेकेंड हैंड कार के बाजार को प्रभावित करेगा और मिडिल क्लास पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव डालेगा।
सेकेंड हैंड कार पर टैक्स का गणित
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि 18% GST केवल नई कार की खरीद मूल्य और बिक्री मूल्य के अंतर पर लागू होगा।
- उदाहरण:
- नई गाड़ी: ₹12 लाख में खरीदी।
- बिक्री मूल्य: ₹9 लाख।
- टैक्स: ₹3 लाख (अंतर) पर 18% = ₹54,000।
हालांकि, यह गणना तब जटिल हो जाती है जब पुरानी गाड़ी के मूल्य में गिरावट अधिक हो।
- यदि ₹6 लाख की गाड़ी ₹1 लाख में बेची जाए, तो 18% GST ₹90,000 (अंतर) पर लगेगा, जिससे विक्रेता को केवल ₹10,000 ही मिलेंगे।
GST केवल रजिस्टर्ड विक्रेताओं पर लागू
यह नियम मुख्य रूप से रजिस्टर्ड वेंडर्स और प्लेटफॉर्म्स पर लागू होगा, क्योंकि सेकेंड हैंड गाड़ियों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। 2028 तक इस सेक्टर का आकार ₹6 लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
नई गाड़ी पर टैक्स का दबाव
नई गाड़ी खरीदने पर पहले ही 36.5% तक का टैक्स देना होता है, जिसमें शामिल हैं:
- 28% GST
- 1% सेस
- रोड टैक्स और इंश्योरेंस।
एक ₹8 लाख की गाड़ी की कुल कीमत ₹11.37 लाख तक पहुंच जाती है। अब पुरानी गाड़ी बेचने पर 18% GST का नया नियम इसे और महंगा बना देगा।
मिडिल क्लास पर टैक्स का असर
भारत में टैक्स संग्रह का बड़ा हिस्सा मिडिल क्लास से आता है:
- 2015 में व्यक्तिगत आयकर संग्रह: ₹2.65 लाख करोड़।
- 2024 में यह बढ़कर ₹10.45 लाख करोड़ हो गया।
मिडिल क्लास को महसूस हो रहा है कि उनकी आय का बड़ा हिस्सा टैक्स में चला जाता है। हर कदम पर GST, सेस, और अब सेकेंड हैंड कार बेचने पर टैक्स का नया बोझ उनके लिए परेशानी बढ़ा रहा है।
जनता की प्रतिक्रिया
GST काउंसिल के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर गुस्सा साफ झलक रहा है। लोग वित्त मंत्री के खिलाफ मीम्स और आलोचनात्मक टिप्पणियां कर रहे हैं।
DISCLAMER: इस न्यूज़ को इस https://pmsmahavidyalayaadmission.in/tax-on-selling-old-car-increased-to-18-percent-details/ वेबसाइट से लेके एडिट किया गया है।