- SHARE
-
PC: News remind
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) अक्सर नए नियम लागू करता रहता है, जिससे दूरसंचार कंपनियों को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन नए नियमों ने दूरसंचार प्रदाताओं की चिंताएँ बढ़ा दी हैं, जिससे उन्हें इन मुद्दों को हल करने के लिए योजनाएँ बनाने के लिए प्रेरित किया है।
आज, हम दूरसंचार कंपनियों पर लगाए गए नवीनतम नियमों और उनकी भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे। साथ ही, हम बीएसएनएल के 5G लॉन्च के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।
ट्राई के नए नियम और बीएसएनएल 5G लॉन्च
एक तरफ, ट्राई ने नए नियम लागू किए हैं, वहीं दूसरी तरफ, बीएसएनएल के 5G में प्रवेश की खबर ने दूरसंचार प्रदाताओं की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। ये चिंताएँ अब केंद्र सरकार तक पहुँचने वाली हैं, क्योंकि कंपनियों ने केंद्रीय अधिकारियों से हस्तक्षेप करने का फैसला किया है। एक नई रिपोर्ट सामने आई है, जो इस विकास का संकेत देती है।
सरकारी हस्तक्षेप की माँग करेंगी कंपनियाँ
रिपोर्ट का दावा है कि दूरसंचार कंपनियाँ इन मुद्दों को हल करने के लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलने की योजना बना रही हैं। कंपनियों ने इस मामले पर जानकारी दी है, जिससे आसन्न चर्चा का संकेत मिलता है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि यदि ये चर्चाएं होती हैं, तो इसके परिणाम सीधे मोबाइल उपयोगकर्ताओं को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे संभावित रूप से काफी असुविधा हो सकती है। ट्राई के नए नियम दूरसंचार प्रदाताओं पर बोझ बढ़ा सकते हैं और नेटवर्क लागत बढ़ा सकते हैं।
दूरसंचार उद्योग और उपयोगकर्ताओं पर प्रभाव
ET की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन चिंताओं पर चर्चा करने के लिए कंपनी के प्रतिनिधि जल्द ही मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलने वाले हैं। कंपनियों का तर्क है कि इस तरह के सख्त नियम किसी भी अन्य देश की अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व हैं, जो दूरसंचार उद्योग को प्रभावित करते हैं और ग्राहकों को मिलने वाले लाभों को कम करते हैं। ट्राई ने सेवा की गुणवत्ता मापने के लिए नए मानक स्थापित किए हैं, जो 1 अक्टूबर से प्रभावी होंगे। इन मानकों में दूरसंचार कंपनियों के नेटवर्क की कठोर जाँच शामिल होगी।