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आधार बनाने के नियमों में बदलाव: नया आधार कार्ड बनाने से पहले अब राज्य सरकार उससे जुड़े दस्तावेजों की जांच कराएगी. दस्तावेजों के सत्यापन के बाद ही आधार कार्ड बनेगा। इसका सत्यापन राज्य सरकार के पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।
राज्य सरकार का पोर्टल भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा तैयार किया जा रहा है। दस्तावेजों के सत्यापन के लिए अधिकतम डेढ़ माह की समय सीमा तय की गयी है. राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के निर्देश पर नए आधार पंजीकरण में किसी भी तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए यह नई व्यवस्था की जा रही है।
बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ. एन सरवण कुमार ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये हैं. उन्होंने कहा है कि सत्यापन की प्रक्रिया निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरी की जाये. पोर्टल के सफल क्रियान्वयन के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किये गये हैं। इसमें राज्य स्तर पर ग्रामीण विकास विभाग के नामित पदाधिकारी, जिला स्तर पर डीडीसी, अनुमंडल स्तर पर अनुमंडल पदाधिकारी और प्रखंड स्तर पर राजस्व पदाधिकारी को सत्यापन की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. डॉ. एन सरवन कुमार ने बताया कि यूआईडीएआई से 20 जुलाई को ऑनलाइन प्रशिक्षण की व्यवस्था करने का अनुरोध किया गया है।
आवेदन प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं
ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव अरविंद मंडल ने बताया कि नये आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यह प्रक्रिया यथावत रहेगी. यूआईडीएआई में प्राप्त नए आवेदन राज्य सरकार के पोर्टल पर आएंगे और वहां से आवेदकों के दस्तावेज जांच के लिए डीडीसी, एसडीओ और राजस्व अधिकारी (आरओ) को उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि सत्यापन किया जा सके।
45 दिन बाद वेरिफिकेशन अपने आप हो जाएगा
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने दस्तावेज़ सत्यापन के लिए अधिकतम 45 दिन का समय निर्धारित किया है। जिन आवेदकों की सत्यापन प्रक्रिया डेढ़ माह के भीतर पूरी नहीं होगी, उनके आधार कार्ड जारी कर दिए जाएंगे। ऐसी स्थिति में यह मान लिया जाएगा कि राज्य सरकार को उक्त व्यक्ति को आधार जारी करने में कोई आपत्ति नहीं है।
(pc rightsofemployees)