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pc: news 18
प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर गश्त के दौरान आरपीएफ सब-इंस्पेक्टर और महिला कांस्टेबल को प्लेटफॉर्म पर अकेली नाबालिग लड़की दिखी। उसकी कमजोरी को पहचानते हुए आरपीएफ अधिकारियों ने उसके पास जाकर पूछताछ की, जिसमें चौंकाने वाला सच सामने आया।
घटना का विवरण
उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अमित कुमार सिंह के अनुसार, आरपीएफ सब-इंस्पेक्टर विवेक कुमार और महिला कांस्टेबल निशा यादव प्रयागराज जंक्शन के प्लेटफॉर्म 1 पर गश्त कर रहे थे। उन्होंने मेन हॉल के पास एक नाबालिग लड़की को देखा और तुरंत उसके पास पहुंचे।
लड़की की कहानी
लड़की ने खुलासा किया कि पढ़ाई को लेकर डांटे जाने के कारण वह घर से भाग गई थी। उसने कहा कि उसकी तुलना पड़ोस के अन्य बच्चों से की जाती थी और उसे ताने दिए जाते थे, जिसके कारण वह उत्तर प्रदेश के बलिया में अपना घर छोड़कर ट्रेन से प्रयागराज जंक्शन पहुंची। आरपीएफ ने उसे देखभाल के लिए रेलवे चाइल्ड लाइन की महिला सुपरवाइजर को सौंप दिया।
अन्य नाबालिग मिले
इसके अलावा, आरपीएफ को ट्रेन संख्या 02398, आनंद विहार टर्मिनल-गया जंक्शन स्पेशल में एक 17 वर्षीय लड़के के बारे में सूचना मिली। मनीष टांक नाम का यह लड़का भी गुस्से में घर से निकल गया था। प्रयागराज स्टेशन पर एफओबी पर नियमित गश्त के दौरान अमन सिंह नाम का एक और नाबालिग लड़का मिला। दोनों लड़के भी पढ़ाई से जुड़ी समस्याओं के कारण इसी तरह घर से निकले थे। उन्हें भी आरपीएफ ने रेलवे चाइल्ड लाइन को सौंप दिया।
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