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केंद्रीय कर्मचारियों को हाल ही में 4% महंगाई भत्ते का तोहफा मिला है। अब आने वाले दिनों में कई तोहफे उनका इंतजार कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है फिटमेंट फैक्टर। सरकार इसे अगले साल तक बढ़ा भी सकती है।
इसको लेकर बवाल शुरू हो गया है। सरकारी कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर को लेकर अपडेट आया है कि सरकार इसकी समीक्षा करेगी, इसे अगले साल तक बढ़ाने का फैसला ले सकती है. इससे कर्मचारियों के मूल वेतन में जबरदस्त इजाफा होगा।
अगले साल फिटमेंट पर हो सकता है बड़ा ऐलान-
सूत्रों के मुताबिक, साल 2023 में फिटमेंट फैक्टर में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। लेकिन, साल 2024 में इसकी समीक्षा कर इसे बढ़ाया जा सकता है। हालांकि अभी तक सरकार की ओर से इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। इस पर अब व्यय विभाग मंथन करेगा।
साथ ही सिफारिशें वित्त मंत्रालय को भेजी जा सकती हैं। वहीं, अगले साल नया वेतन आयोग भी बन सकता है। ऐसे में उस समय फिटमेंट फैक्टर पर भी फैसला संभव है। सूत्रों की माने तो अगले वेतन आयोग तक फिटमेंट फैक्टर पर कोई फैसला लेना संभव नहीं है. अगला वेतन आयोग कब आएगा यह कहना भी मुश्किल है। लेकिन, सरकार की कोशिश है कि अगले साल केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में संशोधन किया जाए।
क्यों हो रही है फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की मांग?
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए फिटमेंट फैक्टर काफी अहम माना जाता है. इसी के आधार पर तय होता है कि कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन (बेसिक सैलरी) कितना बढ़ेगा. 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में भत्तों के अलावा, फिटमेंट फैक्टर से ही मूल वेतन में वृद्धि होती है।
पिछली बार फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी से केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में ढाई गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई थी. लेकिन, कर्मचारियों की मांग थी कि फिटमेंट फैक्टर को और बढ़ाया जाए। इससे उनकी बेसिक सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी हो सकती है। सरकार फिलहाल इस पर मूड नहीं बना रही है।
फिटमेंट फैक्टर क्या है?
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक फिलहाल फिटमेंट फैक्टर 2.57 है। केंद्रीय कर्मचारियों के मूल वेतन की गणना 7वें वेतन आयोग के नवीनतम अपडेट के फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से गुणा करके की जाती है। 7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद छठे वेतन आयोग के पे बैंड में ग्रेड पे को जोड़कर मूल वेतन बनाया गया। इसमें वर्तमान प्रवेश स्तर के वेतन की गणना फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से गुणा कर की गई, जिससे कर्मचारियों के वेतन बैंड के अनुसार वेतन तैयार किया गया।
उदाहरण के लिए-
छठा सीपीसी पे बैंड: पीबी 1
ग्रेड पे: 1800 रुपये
वर्तमान प्रवेश वेतन: 7000 रुपये
7वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर लागू करने के बाद प्रवेश वेतन: 7000 x 2.57 = 18,000 रुपये।
क्या होगा अगर फिटमेंट फैक्टर 3 गुना हो?
छठा सीपीसी पे बैंड: पीबी 1
ग्रेड पे: 1800 रुपये
वर्तमान प्रवेश वेतन: 7000 रुपये
7वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर लागू करने के बाद प्रवेश वेतन: 7000 x 3 = 21,000 रुपये।
सैलरी में कितना होगा उछाल?
केंद्रीय कर्मचारियों को मौजूदा व्यवस्था में 2.57 फिटमेंट फैक्टर मिल रहा है। इसके आधार पर न्यूनतम वेतन (फिटमेंट फैक्टर बेसिक सैलरी) 18000 रुपये है। यदि इसे बढ़ाकर 3 कर दिया जाए तो मूल वेतन 21000 रुपये हो जाएगा। वहीं अगर इसे बढ़ाकर 3.68 किया जा सकता है तो वेतन 25,760 रुपये होगा। कर्मचारियों की मांग है कि उनका फिटमेंट फैक्टर बढ़ाकर 3.68 किया जाए। न्यूनतम वेतन 26000 रुपये रखा जाए।
(pc rightsofemployees)