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2000 रुपये के नोट जमा करने की समय सीमा: 19 मई, 2023 को भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट वापस करने की घोषणा की थी। इसके लिए आरबीआई ने 30 सितंबर 2023 की डेडलाइन तय की है। अब 2000 रुपये के नोट वापसी को लेकर नया अपडेट आया है। देश का सबसे बड़ा बैंक यानी
एसबीआई ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि 2000 रुपये के नोट बंद होने से बैंक में जमा राशि बढ़ेगी, कर्ज चुकाना संभव होगा और इसका सकारात्मक असर खपत पर दिखेगा. 23 मार्च तक देशभर के बाजार में 2,000 रुपये के नोटों की कुल कीमत करीब 3.62 लाख करोड़ रुपये थी, जो चलन में मौजूद कुल करेंसी का करीब 10.8 फीसदी है.
डिपॉजिट के तौर पर 1.5 लाख करोड़ रुपये लौटाए
8 जून को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि केंद्रीय बैंक की घोषणा के बाद सिस्टम में 1.8 लाख करोड़ रुपये के 2000 रुपये के नोट वापस आ गए हैं. इसमें से करीब 85 फीसदी यानी 1.5 लाख करोड़ रुपए बैंकों में डिपॉजिट के तौर पर वापस आ गए हैं। शेष 2000 नोट लगभग 30,000 करोड़ रुपये के छोटे नोटों में परिवर्तित किए गए हैं।
बैंक डिपॉजिट बढ़ाने से क्या फायदा होगा?
एसबीआई की इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सेंट्रल बैंक यानी आरबीआई के इस फैसले की वजह से बैंकों में जमा राशि बढ़ी है. यह उस समय देखने को मिला जब बैंक डिपॉजिट में कमी आई थी। इससे इंक्रीमेंटल क्रेडिट-डिपॉजिट (सी/डी) अनुपात को महामारी से पहले के स्तर पर लाने में मदद मिलेगी। इससे बैंकों के पास पर्याप्त पूंजी होगी और विभिन्न क्षेत्रों को वित्त पोषण की स्थिति भी अनुकूल होगी।
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस समय विदेशी बाजारों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। ऐसे में भारतीय बैंकों की स्थिति ऐसी होनी चाहिए कि वे कॉरपोरेट्स की बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम हों ताकि वे अपनी विस्तार योजनाओं को पूरा कर सकें।
(pc rightsofemployees)