अधिकतर लोग अपनी पर्सनालिटी को निखारने के लिए जूते पहनते हैं, लेकिन क्या आपको पता है ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जूते आपकी किस्मत को बदलने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ज्योतिष के कालपुरूष सिद्धांत के अनुसार जातक की कुण्डली का आठवां भाव पैरों के तलवों को संबोधित करता है, इसी के अनुसार जूते भी आठवें भाव को संबोधित करते हैं। इसी कारण जूते पहनते समय इन बातों को ध्यान में रखना आवश्यक होता है........
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अगर कोई आपको तोहफे में जूते देता है तो आपको वो जूते नहीं पहनने चाहिए। आपको बता दें कि जूते का संबंध शनि से होता है, अगर आप किसी के दिए हुए जूते पहनते हैं तो उसके ऊपर यदि शनि का प्रकोप चल रहा होता है तो उसका प्रभाव आप पर पड़ने लगता है।
मंदिर या किसी और जगह से कोई आपके जूत पहन जाए तो आपको वहां से किसी दूसरे के जूते पहनकर नहीं आना चाहिए।
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उधड़े और फटे हुए जूते पहनकर नई नौकरी पर नहीं जाना चाहिए, असफलता मिलती है।
ऑफिस या अपने किसी अन्य कार्यक्षेत्र में भूरे जूते पहनकर जाना सही नहीं माना जाता है।
(ये सभी जानकारियां शास्त्रों और ग्रंथों में वर्णित हैं, लेकिन इन्हें अपनाने से पहले किसी विशेष पंडित या ज्योतिषी की सलाह अवश्य ले लें।)
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