खेल डेस्क। इंडियन प्रीमियर लीग ने अनजान खिलाडिय़ों के लिए अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
देश के छोटे-छोटे गांवों से निकल कर कई खिलाडिय़ों ने अपनी प्रतिभा को आईपीएल के माध्यम से निखारा है। इनमें से कुछ खिलाड़ी तो ऐसे भी हैं जिनके जीवन से जुड़ी असाधारण कहानी से लाखों युवा प्रेरणा ले सकते हैं।
उनमें से एक है राजस्थान के झुंझुनूं के चूड़ी अजीतगढ़ गांव के निवासी कुलवंत खेजरोलिया। जी हां, कुलवंत खेजरोलिया ने शायद कभी सोचा भी नहीं होगा कि वह एक दिन महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर, रोहित शर्मा, शेन बांड जैसे अन्तरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों का मंच साझा करेंगे।
कुलवंत खेजरोलिया ने एक वेटर से क्रिकेटर बनने का सफर तय किया है। पिछले साल तक गोवा के एक रेस्टारेंट में वेटर के रूप में काम करने वाले कुलवंत इस समय आईपीएल में मुम्बई इंडियंस टीम में शामिल हैं। हालांकि उन्हें अभी तक इस सत्र में एक भी आईपीएल मैच खेलने का मौका नहीं मिला है।
कुलवंत के पिता शंकर सिंह के अनुसार कुलवंत को शुरू से ही क्रिकेट खेलने का शौक रहा है। अपने इस शौक को पूरा करने के लिए उन्होंने वेटर की नौकरी छोड़ दिल्ली का रुख किया।
यहां पर उन्होंने एलबी शास्त्री क्लब को जॉइन किया। इस क्लब से ही गौतम गंभीर, उनमुक्त चंद और नितीश राणा जैसी प्रतिभाएं निकलकर सामने आई हैं।
क्लब के मेंटर संजय भारद्वाज के निर्देशन में कुलवंत खेजरोलिया ने कड़ी मेहनत कर अपने को तेज गेंदबाज के रूप में निखारा। इसके बाद उन्होंने दिल्ली की ओर से विजय हजारे ट्रॉफी में पदार्पण किया।
कुलवंत की प्रतिभा को देखते हुए आईपीएल-दस की नीलामी में मुम्बई इंडियंस ने 10 लाख के बेस प्राइस पर खरीदकर अपनी टीम में शामिल किया था।
झुंझुनूं के चूड़ी अजीतगढ़ गांव में एक छोटी सी किराने की दुकान चलाने वाले कुलवंत के पिता शंकर सिंह ने बताया कि उनकी इच्छा थी कि उनका बेटा नौकरी कर अपने परिवार के जीवन यापन में मदद करें।
13 मार्च 1992 को जन्में कुलवंत ने लिस्ट ए क्रिकेट में सात मैच खेलते हुए 17 विकेट झटके हैं। इस दौरान उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 22 रन पर पांच विकेट रहा है। उन्होंने देवधर ट्रॉफी में भारत-बी की ओर से खेलते हुए तमिलनाडु के खिलाफ 62 रन पर दो विकेट लिए थे।
गौरतलब है कि रविवार को मुम्बई इंडियंस आईपीएल-दस के खिताब के लिए राइजिंग पुणे सुपरजाएंट से भिड़ेगी।