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नई दिल्ली : ऋषभ पंत की अनुपस्थिति से दिल्ली कैपिटल्स की आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में संभावनाओं को करारा झटका लगा है और इसके साथ ही उसकी टीम में मौजूद भारतीय तेज गेंदबाजों में मारक क्षमता का अभाव भी उसके लिए चिता का विषय है। रिकी पोंटिग की कोचिग वाली दिल्ली की टीम एक अप्रैल को लखनऊ सुपरजाइंट्स के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेगी।
मिशेल मार्श और कुलदीप यादव की शानदार फॉर्म से दिल्ली का मनोबल बढ़ा होगा लेकिन पंत की जगह पर वह किसी अदद भारतीय खिलाड़ी का चयन नहीं कर पाया जो निश्चित तौर पर उसके टीम प्रबंधन के लिए चिता का विषय है। दिल्ली के लिए ' इंपैक्ट प्लेयर’ का नियम उल्टा साबित हो सकता है क्योंकि उसके अनुभवी खिलाड़ियों में कोई भी ऐसा खिलाड़ी नहीं है जो तुरुप का इक्का साबित हो सके। सच्चाई तो यह है कि दिल्ली की टीम अपने विदेशी खिलाड़ियों पर अधिक निर्भर रहेगी। दिल्ली कैपिटल्स की टीम का विश्लेषण इस प्रकार है।
मजबूत पक्ष
दिल्ली कैपिटल्स की टीम में तीन ऐसे विदेशी खिलाड़ी हैं जो अपने दम पर मैच का पासा पलट सकते हैं। इनमें मिशेल मार्श पावर प्ले में अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से दिल्ली को शानदार शुरुआत दे सकते हैं। अगर वह एक या दो ओवर भी कर लेते हैं तो यह दिल्ली के लिए सोने पर सुहागा होगा। डेविड वॉर्नर ने जब से आईपीएल में खेलना शुरू किया तब से शायद ही कोई ऐसा सत्र रहा होगा जबकि उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा हो।
इस बीच केवल वह तब असफल रहे जब उनका सनराइजर्स हैदराबाद के प्रबंधन के साथ मनमुटाव चल रहा था। एनरिक नोर्किया दुनिया के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों में से एक है। वह 150 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं। वह अधिकतर दिन खतरनाक साबित हो सकते हैं लेकिन छोटे मैदानों पर बल्लेबाज उनकी तेजी का सही उपयोग भी कर सकते हैं।
कमजोर पक्ष
ऋषभ पंत की भरपाई नहीं की जा सकती और मुख्य कोच पोंटिग इस बात को पहले ही स्वीकार कर चुके हैं। पंत की अनुपस्थिति में टीम के पास दूसरा भारतीय विकेटकीपर नहीं है। नीलामी के समय इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया। दिल्ली के पास फिल सॉल्ट के रूप में उपयोगी टी2० क्रिकेटर है जिन्हें उपमहाद्बीप में खेलने का थोड़ा अनुभव है। लेकिन विदेशी विकेटकीपर को रखने का मतलब होगा कि दिल्ली क्षेत्ररक्षण करते समय अपनी एकादश में विदेश के विशेषज्ञ गेंदबाज को नहीं रख सकता। इसलिए यह जरूरी है कि बरिदर विवेक सिह या लवनिथ सिसोदिया जैसे विकेटकीपर ट्रायल्स में अच्छा प्रदर्शन करें जिससे कि दिल्ली को मुस्तफिजुर रहमान जैसे विदेशी गेंदबाज को अंतिम एकादश ने रखने का मौका मिलेगा जो डेथ ओवरों के उपयोगी गेंदबाज हैं।
अवसर
पृथ्वी साव के लिए यह सत्र कड़ी परीक्षा होगा क्योंकि उन्हें उन सब नकारात्मक धारणाओं को नष्ट करना होगा जो उनके साथ अंडर-19 टीम के दिनों से बनी हुई है। उनके समकालीन शुभमन गिल सीनियर टीम के स्टार खिलाड़ी बन चुके हैं और ऐसे में पृथ्वी इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहेंगे।
खतरा
दिल्ली के तेज गेंदबाजी विभाग में भारत के अच्छे खिलाड़ियों की कमी है। आवेश खान लखनऊ से जुड़ गए हैं जबकि शार्दुल ठाकुर को उसने कोलकाता नाइट राइडर्स को दे दिया है। ऐसे में दिल्ली तेज गेंदबाजी विभाग में नोर्किया और मुस्तफिजुर पर निर्भर रहेगी।
खलील अहमद पीठ के ऑपरेशन के बाद वापसी कर रहे हैं जबकि इशांत शर्मा अब पहले जैसे धारदार गेंदबाज नहीं रहे।
इसके अलावा इंपैक्ट प्लेयर का नियम है जिसका प्रत्येक टीम अलग तरह से उपयोग करेगी लेकिन दिल्ली के पास ऐसे खिलाड़ियों की कमी है जो कि उसके लिए इस नियम का सही उपयोग करके तुरुप का इक्का साबित हो सकें। ऐसे में यह नियम दिल्ली पर विपरीत प्रभाव भी डाल सकता है।