भारत ने अपने मित्र देश इस्राइल से क्यों जताई नाराज़गी? 34 देशों ने भी किया समर्थन जाने क्या है मामला

Samachar Jagat | Monday, 14 Oct 2024 06:30:30 PM
Why did India express anger towards its friendly country Israel? 34 countries also supported it, know what is the matter

भारत ने इस्राइल के एक ऐसे कार्य से नाराज़गी जताई है जिसमें इस्राइल ने यूएन शांति बल के एक पोस्ट पर हमला किया, जहां 600 भारतीय सैनिक भी तैनात हैं। यह हमला दक्षिण लेबनान के क्षेत्र में स्थित यूएन शांति बल पर हुआ है, जहां कई पोस्टों को इस्राइल के द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। यहां पर लगातार तीन बार फायरिंग भी की गई है।

यूएन शांति बल में योगदान देने वाले देशों ने इस इस्राइली हमले पर नाराज़गी व्यक्त की है, जिससे भारत भी खुले तौर पर अपनी असंतोष प्रकट कर रहा है। अब सवाल उठता है कि क्या इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत की मांग सुनेंगे या फिर यूएन के खिलाफ कोई और बड़ा कदम उठाएंगे?

असल में, दक्षिण लेबनान में यूएन शांति बल पर हुए हमले के बाद 34 देशों के एक संयुक्त बयान के तहत यह प्रतिक्रिया आई। भारत ने भी इस संयुक्त बयान का समर्थन किया, जिसमें घायल शांति सैनिकों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई और इस्राइल के कार्य की निंदा की गई। पोलैंड के एक बयान में कहा गया कि इस क्षेत्र में यूएन शांति बल की भूमिका बेहद गंभीर है और ऐसे हालात में शांति सैनिकों पर किसी भी प्रकार के हमले और फायरिंग की निंदा की जाती है, तथा इसे तुरंत रोकने और जांच करने की आवश्यकता है।

शुरुआत में पोलैंड ने बयान में भारत का नाम नहीं लिया, लेकिन बाद में भारत का नाम सामने आया। भारत ने कहा, "क्योंकि हम उन शांति सैनिकों के प्रमुख बल योगदानकर्ता हैं, और भारत 34 देशों के संयुक्त बयान से सहमत है और मांग करता है कि शांति सैनिकों के लिए सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं।"

भारत ने कहा कि कार्रवाई यूएनएससी प्रस्ताव के तहत की जानी चाहिए। भारत ने पहले भी पश्चिम एशिया के हालात पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि इस्राइल को दोस्ती बनाए रखनी चाहिए। हालांकि, इस्राइल का कहना है कि जिस पोस्ट पर उसने हमला किया है, उसके चारों ओर हिज़्बुल्ला के ठिकाने हैं और वह उन्हें निशाना बना रहा है। इस्राइल ने यह भी कहा कि यूएन शांति बल का मुख्यालय वहां से हटा दिया जाना चाहिए, लेकिन यूएन ने इस्राइल की इस मांग को ठुकरा दिया।

हालांकि, जिस तरह से भारत इस्राइल के खिलाफ खुलकर खड़ा हो रहा है, उससे यह स्पष्ट है कि इस्राइल पर वैश्विक दबाव बढ़ेगा।

 

 

 

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