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1. बाइडन प्रशासन की विदेश नीति की छाप कमला हैरिस का विदेश नीति में उतना अनुभव नहीं है जितना जो बाइडन का है। जो बाइडन, राष्ट्रपति बनने से पहले, 12 साल तक अमेरिकी सीनेट की विदेशी संबंध समिति के अध्यक्ष या सदस्य रहे थे। कमला हैरिस ने बाइडन प्रशासन की विदेश नीति पर ज्यादा प्रभाव नहीं डाला, इसलिए माना जा रहा है कि अगर वह राष्ट्रपति बनती हैं, तो वह बाइडन की नीतियों को ही आगे बढ़ाएंगी। इससे भारत को काफी फायदा हो सकता है।
2. भारतीय छात्रों और कामकाजी लोगों के लिए अवसर कमला हैरिस की प्रवासी नीति डोनाल्ड ट्रंप की तुलना में अधिक नरम रही है। वह हमेशा सभी को साथ लेकर चलने की बात करती रही हैं। ऐसे में, अगर हैरिस राष्ट्रपति बनती हैं, तो भारतीयों के लिए अमेरिका में काम करने के वीजा, ग्रीन कार्ड और नागरिकता हासिल करने की प्रक्रिया आसान हो सकती है। H-1B वीजा की मियाद भी बढ़ाई जा सकती है, जिससे भारतीय पेशेवरों के लिए अमेरिका में काम करने के अवसर और आसान हो सकते हैं।
3. द्विपक्षीय संबंधों में भारतीय पहचान की झलक कमला हैरिस खुद को अमेरिकी कहती हैं, लेकिन उनकी भारतीय जड़ें अक्सर चर्चा का विषय रहती हैं। जून 2023 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका का दौरा किया था, तब उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस में कमला हैरिस की सराहना की थी। प्रधानमंत्री ने कहा था, "अमेरिका में लाखों लोग हैं जिनकी जड़ें भारत में हैं, और उनमें से कई गर्व के साथ इस सदन में बैठे हैं। उनमें से एक मेरे पीछे भी बैठी हैं।" इस दौरान अमेरिकी कांग्रेस में जोरदार तालियां बजी थीं।
चुनावी अभियान के दौरान भी हैरिस ने कई बार अपनी भारतीय पहचान का जिक्र किया। सितंबर में 'ग्रैंड पेरेंट्स डे' पर उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी संघर्षशीलता अपने भारतीय नाना से मिली है। ऐसे में, भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में उनकी भारतीय पहचान की झलक साफ दिख सकती है।
4. मजबूत द्विपक्षीय व्यापार संबंध कमला हैरिस की आर्थिक और सुरक्षा संबंधी नीतियां बाइडन प्रशासन जैसी ही हो सकती हैं। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदारों में से एक है, और बाइडन प्रशासन के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापारिक अधिशेष रहा है। ऐसे में, यदि हैरिस राष्ट्रपति बनती हैं, तो भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध उसी गति से आगे बढ़ते रहेंगे। दूसरी ओर, ट्रंप ने कई बार भारत के खिलाफ आयात शुल्क बढ़ाने की धमकी दी है, जिससे साफ होता है कि व्यापारिक संबंधों के मामले में कमला हैरिस का राष्ट्रपति बनना भारत के लिए बेहतर हो सकता है।
5. चीन के खिलाफ रणनीतिक साझेदारी क्षेत्रीय सुरक्षा की बात करें तो चाहे ट्रंप हों या कमला हैरिस, दोनों चीन के खिलाफ कड़ा रुख अपना सकते हैं। बाइडन प्रशासन, जिसका कमला हैरिस हिस्सा रही हैं, ने भारत को चीन के खिलाफ मजबूत करने के लिए कई नीतियां अपनाई हैं। क्वाड (QUAD) भी इसी उद्देश्य से बना एक समूह है। ऐसे में, यदि हैरिस राष्ट्रपति बनती हैं, तो वह बाइडन की तरह ही चीन के खिलाफ भारत का समर्थन जारी रखेंगी।
कमला हैरिस की भारतीय जड़ों और उनकी उदारवादी नीतियों के चलते भारत को उनसे काफी उम्मीदें हैं।