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वाशिंगटन। अमेरिका के एक प्रभावशाली सिख नेता जस्सी सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के सिख समुदाय की मांगों और इच्छाओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
समुदाय के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए गठित ‘सिख ऑफ अमेरिका’ संगठन के अध्यक्ष सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि इस महीने के अंत में प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका की आधिकारिक राजकीय यात्रा भारत के लिए एक ‘‘ऐतिहासिक क्षण’’ होगी।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 21 से 24 जून तक अमेरिका की यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान, वह कांग्रेस के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे।सिंह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री का आना भारत के लिए एक बड़ा ऐतिहासिक क्षण है।’’
सिंह उन सभी सिख प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा रहे हैं, जिनसे 2015 के बाद से प्रधानमंत्री ने अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान मुलाकात की है।उन्होंने कहा कि सिख प्रतिनिधिमंडलों ने हमेशा मोदी को ज्ञापन सौंपा है और उनकी लगभग सभी इच्छाएं प्रधानमंत्री ने पूरी की हैं।सिंह ने कहा कि इस बार फिर से सिख समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलने की योजना बना रहा है, ताकि समुदाय के प्रति उनके योगदान के लिए उनका शुक्रिया अदा किया जा सके।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि 2014 में हम पहली बार प्रधानमंत्री मोदी से मिले थे। काफी लंबे समय बाद किसी सिख प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री मोदी का हमारे प्रति बेहद सकारात्मक रवैया था।’’सिंह ने कहा, ‘‘वह (मोदी) सिखों की समस्याओं को समझते हैं। वह दक्षिण एशियाई समुदाय के लिए दिल से महसूस करते हैं। यह उनके सिख समुदाय के लोगों से मिलने और उसने बात करने के दौरान महसूस होता है।’’
उन्होंने कहा कि अमेरिका के सिख समुदाय की मांगों और इच्छाओं को पूरा करने में प्रधानमंत्री मोदी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।सिंह ने कहा कि हालिया समय की बात करें तो, किसी अन्य प्रधानमंत्री ने सिख समुदाय के लिए इतना नहीं किया, जितना प्रधानमंत्री मोदी ने किया है।सिंह ने कहा कि वह चाहते हैं कि जब प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन व्हाइट हाउस में मुलाकात करें तो अन्य मुद्दों के साथ-साथ वे भारतीय-अमेरिकियों को प्रभावित करने वाले आव्रजन के मुद्दे पर भी चर्चा करें।
उन्होंने कहा, ‘‘ वह प्रमुख मुद्दा जो अभी भारतीय समुदाय को प्रभावित कर रहा है, वह एच-1बी वीजा से जुड़ा मुद्दा है। यहां कई परिवार व लोग हैं जो पिछले 20 साल से एच-1बी वीजा पर निर्भर हैं। उनके स्थायी निवास को मंजूरी दे दी गई है, लेकिन कागजी कार्रवाई अब भी अटकी है।’’उन्होंने कहा कि भारत में ऐसे कई लोग हैं जो व्यापार करने के लिए यहां आना चाहते हैं, लेकिन वीजा को लेकर साक्षात्कार के लिए उन्हें एक साल तक का इंतजार करना पड़ रहा है।सिंह ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि विलंब अमेरिकी पक्ष की ओर से है.... इस पर व्यापक चर्चा की जानी चाहिए, ताकि एच-1बी वीजा तथा अन्य वीजा धारकों को उनकी ‘रेजीडेंसी’ जल्दी मिल पाए और भारत में लोगों को भी थोड़ा जल्दी अपना वीजा मिल पाए।’’
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