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सोल। उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के बीच हाल में सोल में हुई शिखर वार्ता की निदा करते हुए कहा कि इस कदम से दोनों देशों के बीच 'सैन्य मिलीभगत’ हो सकती है।
उत्तर कोरियाई सरकार की ओर से संचालित समाचार वेबसाइट उरीमिनज़ोक्किरी का हवाला देते मीडिया ने बुधवार को यह जानकारी दी। पिछले रविवार को श्री किशिदा ने दक्षिण कोरिया की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा शुरू की। गत 12 वर्षों में किसी जापानी नेता की पहली ऐसी यात्रा थी। जापानी नेता की यह यात्रा आपसी यात्राओं की 'शटल कूटनीति’ पर लौटने की उसकी इच्छा को दर्शाती है। इसको लेकर मार्च के मध्य में श्री यून की टोक्यो यात्रा के दौरान सहमति हुई थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया ने वाशिगटन घोषणा में जापान की संभावित भागीदारी, कोरियाई प्रायद्बीप में परमाणु वितरण प्रणाली की तैनाती पर दक्षिण कोरिया तथा अमेरिका के बीच हुए समझौते और उत्तर कोरियाई परमाणु संकट के मामले में आकस्मिक योजना पर श्री यून की टिप्पणी की भी आलोचना की।
रिपोर्ट में कहा गया है कि श्री यून की 'विनम्र’ विदेश नीति ने जापान को अपने 'अतीत के अत्याचारों’ को छुपाने में मदद की और दोक्दो के टापुओं पर जापान के संप्रभुता के दावों में बहुत विश्वास हासिल किया। साथ ही फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र से दूषित पानी छोड़ने की योजना को पूरा किया। गौरतलब है कि 2019-2022 से, दक्षिण कोरिया और जापान के बीच द्बिपक्षीय संबंध तब तक बिगड़ते रहे जब तक कि श्री यून के नए प्रशासन ने संबंधों के सामान्यीकरण को आगे बढ़ाने का फैसला नहीं किया।
Pc:www.bhaskarhindi.com