MAGA कैंप में विभाजन: एलन मस्क और ट्रम्प समर्थकों के बीच भारतीय प्रवासियों को लेकर टकराव

Trainee | Saturday, 28 Dec 2024 03:24:23 PM
MAGA Camp Divided: Elon Musk Clashes with Trump Supporters Over Indian Immigrants

नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों और एलोन मस्क के बीच प्रवासियों को लेकर मतभेद गहरा गए हैं। इस विवाद का केंद्र है भारतीय मूल के वेंचर कैपिटलिस्ट श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति, जिन्हें नई ट्रंप प्रशासन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नीति का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है।

मस्क और उनके सिलिकॉन वैली सहयोगी मेरिट-आधारित इमिग्रेशन सुधारों की वकालत कर रहे हैं, जबकि ट्रंप के कट्टर समर्थक इसे अपने लोकलुभावन आदर्शों के खिलाफ मानते हुए विरोध कर रहे हैं। श्रीराम कृष्णन के बयान, जो कुशल प्रवासियों के लिए ग्रीन कार्ड पर देश-आधारित प्रतिबंध हटाने की वकालत करते हैं, ने सोशल मीडिया पर बवाल खड़ा कर दिया।

फार-राइट सोशल मीडिया कमेंटेटर लौरा लूमर ने श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति को "गंभीर रूप से परेशान करने वाला" करार दिया। उनके इस बयान को मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कई सत्यापित खातों ने साझा किया, जिससे विवाद और बढ़ गया।

मस्क और सिलिकॉन वैली का दृष्टिकोण
स्वयं H-1B वीज़ा पर अमेरिका आए एलोन मस्क ने हमेशा प्रतिभाशाली लोगों को आकर्षित करने की वकालत की है। उन्होंने पोस्ट किया, "अगर आप अपनी टीम को चैंपियनशिप जीताना चाहते हैं, तो आपको हर जगह से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को लाना होगा।"

वेक रामास्वामी, जो अब ट्रंप प्रशासन के गवर्नमेंट एफिशिएंसी डिपार्टमेंट के सह-अध्यक्ष हैं, ने भी मस्क के विचारों का समर्थन किया। भारतीय प्रवासियों के बेटे रामास्वामी ने कहा कि अमेरिकी संस्कृति ने हमेशा औसत दर्जे को बढ़ावा दिया है। उन्होंने X पर लिखा, "एक संस्कृति जो प्रॉम क्वीन को मैथ ओलंपियाड चैंपियन से ऊपर रखती है, वह सर्वश्रेष्ठ इंजीनियर पैदा नहीं करेगी।"

MAGA का लोकलुभावन विरोध
हालांकि, इन विचारों का ट्रंप समर्थकों ने कड़ा विरोध किया। लौरा लूमर, एन कूल्टर और पूर्व कांग्रेस सदस्य मैट गेट्ज़ जैसे फार-राइट नेता मस्क और रामास्वामी पर अमेरिकी कामगारों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा रहे हैं। एक वायरल पोस्ट में श्रीराम कृष्णन को "इंडिया फर्स्ट" ऑपरेटिव कहा गया, जिसका उद्देश्य अमेरिकी कामगारों को बदलना बताया गया।

पूर्व अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने भी इस विवाद में हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका को अमेरिकी प्रतिभा में निवेश को प्राथमिकता देनी चाहिए। हेली ने X पर लिखा, "अमेरिकी कामगारों या अमेरिकी संस्कृति में कुछ भी गलत नहीं है।"

ट्रंप का अनिश्चित रुख
इस मामले में ट्रंप की अप्रवास नीति को लेकर असमंजस बना हुआ है। जहां उनके पहले कार्यकाल में H-1B वीजा पर सख्त प्रतिबंध लगे थे, वहीं हाल ही में उन्होंने अमेरिकी विश्वविद्यालयों के विदेशी स्नातकों को ग्रीन कार्ड देने का समर्थन किया है। यह बदलाव उनके समर्थकों को असमंजस में डाल रहा है कि उनकी भविष्य की नीति कैसी होगी।

 

 

 

 

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