भारत ने हाथ खींचा तो खत्म होगा कनाडा का घमंड, इन चीज़ों की होगी कमी

Trainee | Wednesday, 16 Oct 2024 10:47:39 AM
If India withdraws its support then Canada's pride will end, there will be shortage of these things

भारत और कनाडा के बीच संबंध एक बार फिर से बिगड़ने लगे हैं। यदि कनाडा का रवैया नहीं बदलता है, तो इसका असर दोनों देशों पर पड़ेगा। कनाडा की सबसे बड़ी ताकत भारत के हाथ में है। अगर भारत अपने कदम पीछे खींचता है, तो कनाडा की अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर हो सकता है। भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और अन्य कूटनीतिक अधिकारियों को वापस बुलाने की घोषणा की है, जिन्हें निशाना बनाया जा रहा था। इस कारण से दोनों देशों के बीच तनाव फिर से बढ़ने लगा है। अगर कनाडा का यह रवैया जारी रहता है, तो इसका असर दोनों देशों पर साफ तौर पर दिखेगा।

भारतीय छात्र कनाडा जाते हैं पढ़ाई करने

दरअसल, द्विपक्षीय व्यापार के अलावा, कनाडा भारतीय छात्रों पर भी अत्यधिक निर्भर है। अगर कनाडा का रवैया भारत के साथ संबंधों को खराब करता है, तो इसकी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ना तय है। बड़ी संख्या में भारतीय छात्र कनाडा पढ़ाई करने जाते हैं और वे यहां की अर्थव्यवस्था और कॉलेजों के लिए प्रमुख वित्तीय स्रोत हैं। ऐसे में, आइए जानते हैं कि भारतीय छात्रों का कनाडा की अर्थव्यवस्था में कितना योगदान है।

कनाडा में सबसे ज्यादा भारतीय छात्र

भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 13 लाख से अधिक भारतीय छात्र विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं। हर साल बड़ी संख्या में भारतीय विदेशों में शिक्षा के लिए जाते हैं, जिसमें से अधिकतर की पहली पसंद कनाडा होती है। इस समय 4,27,000 भारतीय छात्र कनाडा में पढ़ाई कर रहे हैं। कनाडा में कुल विदेशी छात्रों में 40% भारतीय हैं और वे कनाडा की अर्थव्यवस्था में 2.5 लाख करोड़ रुपये का योगदान देते हैं, जिससे कनाडा की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।

क्यों है कनाडा पहली पसंद?

कनाडा भारतीय छात्रों की पहली पसंद इसलिए है क्योंकि यहां की फीस अन्य देशों की तुलना में कम होती है। हालांकि, यह फीस कनाडाई नागरिकों के लिए भी कम होती है, जबकि विदेशी छात्रों से चार गुना अधिक ली जाती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी छात्र, जिनमें भारतीय भी शामिल हैं, कनाडा में औसतन 8.7 लाख रुपये फीस देते हैं।

अर्थव्यवस्था में योगदान

भारतीय छात्र केवल फीस और पढ़ाई से ही कनाडा की अर्थव्यवस्था में योगदान नहीं कर रहे हैं, बल्कि यहां काम करके भी देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। 2022 के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी छात्रों का कनाडा की अर्थव्यवस्था में योगदान 22.3 बिलियन डॉलर था, जिसमें से भारतीय छात्रों का योगदान 10.2 बिलियन डॉलर या 85,000 करोड़ रुपये था।

अगर छात्रों पर प्रतिबंध लगाया गया तो...

इतना ही नहीं, कनाडा की कई कॉलेज और यूनिवर्सिटी भारत के छात्रों के सहारे चल रही हैं। ऐसे में अगर भारतीय छात्र वहां जाना बंद कर दें और काम न करें, तो ट्रूडो का घमंड टूट जाएगा। अगर भारत भारतीय छात्रों पर प्रतिबंध लगाता है, तो कनाडा की अर्थव्यवस्था को कम से कम 85,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा, जो भारतीय छात्र शिक्षा और आवास पर वहां खर्च कर रहे हैं।



 


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