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भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री 9 दिसंबर 2024 को ढाका का दौरा करेंगे। यह दौरा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में शरण लेने और बांग्लादेश में बढ़ते राजनीतिक तनाव के बाद भारत का पहला उच्च स्तरीय कूटनीतिक प्रयास है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को यह घोषणा की।
दौरे की पृष्ठभूमि:
यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और बांग्लादेश के बीच हालिया हफ्तों में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर तनाव और जुबानी जंग तेज हुई है।
- बांग्लादेश ने कोलकाता में कार्यवाहक डिप्टी हाई कमिश्नर शिखदर मोहम्मद अशरफुर रहमान और अगरतला मिशन के सहायक हाई कमिश्नर अरिफ मोहम्मद को "तत्काल चर्चा" के लिए वापस बुला लिया है।
- यह कदम अगरतला में बांग्लादेश के सहायक हाई कमिश्नर कार्यालय में एक हिंदू समूह द्वारा की गई तोड़फोड़ के बाद उठाया गया।
भारत-बांग्लादेश संबंधों में ताजा विवाद:
- भारत ने बांग्लादेश में वैष्णव मठाधीश स्वामी चिन्मय दास की गिरफ्तारी पर "गहरी चिंता" व्यक्त की।
- बांग्लादेश के चिटगांव में दास को नवंबर में गिरफ्तार किया गया था। उनके मामले में भारत ने निष्पक्ष और पारदर्शी कानूनी प्रक्रिया की मांग की है।
दोनों देशों के बीच बढ़ता तनाव:
बांग्लादेश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने शेख हसीना की भारत में उपस्थिति पर नाराजगी जाहिर की है।
- इस बीच, बांग्लादेश ने पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की ओर कदम बढ़ाए हैं, जिससे भारत के सुरक्षा अधिकारी चिंतित हैं।
- पाकिस्तान से 50 साल बाद पहली बार एक मालवाहक जहाज चिटगांव बंदरगाह पर पहुंचा, और अब दोनों देशों के बीच सीधी हवाई सेवा शुरू करने की योजना है।
दौरे का महत्व:
विदेश सचिव का यह दौरा भारत और बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक संवाद को मजबूत करने और विवादित मुद्दों को सुलझाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।