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दोहा।अफगानिस्तान में चीन के विशेष राजदूत यू ज़यिांगयोंग ने साफ किया है कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को निकट भविष्य में मान्यता देने की कोई योजना नहीं हैं।
विशेष राजदूत ने एक एजेंसी को बताया कि चीन को अभी तक अफगानिस्तान की तालिबान सरकार की ओर से यह आश्वासन नहीं मिला है कि दूसरे देशों के खिलाफ आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए वह अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देगा। राजदूत ने साफ किया कि यह आश्वासन नहीं मिलने की स्थिति में चीन का तालिबान सरकार को मान्यता देने का कोई विचार नहीं है।
श्री ज़यिांगयोग ने कतर में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एनटोनियो गुटेरेस के साथ अफगानिस्तान के लिए विशेष राजदूतों के साथ हुई दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लिया। अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद से यह पहली बैठक है।श्री ज़यिांगयोंग ने कहा,''चीन का मानना है कि मान्यता के मुद्दे को जल्द हल नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमें अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार के साथ सक्रिय जुड़ाव नहीं रखना चाहिए ।
हमारा मानना है कि यह मानवीय सहायता का मामला है। यह देश पिछले 20 साल से बाहरी लोगों के हाथ में था। हमारा मानना है कि पहली बार अपने देश के भाग्य को अपने हाथों में लेने का एक अवसर है। हमें इस देश के लिए, उनकी संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए अपना सम्मान दिखाना चाहिए।’’
चीनी राजनयिक ने उल्लेख किया कि अफगानिस्तान की सत्ता को आतंकवादी समूहों के साथ संबंध तोड़ना चाहिए और अन्य देशों पर हमलों के लिए अपने क्षेत्र का उपयोग नहीं करने के अपने आश्वासन को प्रमाणित करना चाहिए।श्री ज़ियांगयोंग का यह भी मानना ??है कि तालिबान सरकार की मान्यता प्रत्येक देश द्बारा व्यक्तिगत रूप से तय की जानी चाहिए, सामूहिक रूप से नहीं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान चरण में चीन की प्राथमिकता मान्यता नहीं है, बल्कि अफगानिस्तान में लोगों को सहायता का प्रावधान है।वार्ता के बाद, श्री गुटेरेस ने संवाददाताओं से कहा कि तालिबान की मान्यता एजेंडे में नहीं थी और उनके प्रतिनिधियों से मिलने का यह सही समय नहीं है।
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