अपनी बेटी की मौत के लिए दुआ करती थीं ये मशहूर एक्ट्रेस, आखिरी बार देखने भी नहीं गईं

Preeti Sharma | Saturday, 26 Apr 2025 03:35:00 PM
This famous actress used to pray for her daughter's death, did not even go to see her for the last time

बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया के बीच एक ऐसी दर्दनाक कहानी भी छिपी है, जहां एक जानी-मानी अभिनेत्री ने अपनी ही बेटी की मौत के लिए भगवान से प्रार्थना की थी। इतना ही नहीं, बेटी के निधन के बाद वह उसे अंतिम बार देखने भी नहीं गईं।

26 अप्रैल 1948 को कोलकाता में जन्मी इस दिग्गज अभिनेत्री का नाम है मौसमी चटर्जी। उन्होंने हमशकल, घर परिवार, भोला भाला, प्रेम बंधन और आ अब लौट चलें जैसी कई हिट फिल्मों में अभिनय किया।

मौसमी चटर्जी की शादी बहुत कम उम्र में हो गई थी। जब वह 10वीं कक्षा में पढ़ रही थीं और मात्र 15 साल की थीं, तभी उनकी शादी जयंत मुखर्जी से हो गई थी। शादी के बाद भी उन्होंने अपने फिल्मी करियर को बखूबी संभाला और बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई। उन्होंने राजेश खन्ना, शशि कपूर, जीतेंद्र, संजीव कुमार, विनोद मेहरा और अमिताभ बच्चन जैसे बड़े सितारों के साथ काम किया।

17 साल की उम्र में बनीं मां

महज 17 साल की उम्र में मौसमी चटर्जी ने अपनी पहली बेटी पायल को जन्म दिया। इसके बाद 1982 में दूसरी बेटी मेघा का जन्म हुआ। अपने लंबे करियर के दौरान मौसमी कभी विवादों में नहीं रहीं, लेकिन अपनी बेटी के अंतिम दिनों में जो हुआ, उसने सभी को हैरान कर दिया।

दामाद के गंभीर आरोप

मौसमी के दामाद डिकी सिन्हा ने उन पर आरोप लगाया था कि बेटी के निधन पर उन्होंने उसे अंतिम बार देखने तक की जहमत नहीं उठाई। काफी देर इंतजार के बाद परिवार ने पायल का अंतिम संस्कार कर दिया।

पायल की मौत 2020 में हुई थी, लेकिन इसके पहले से ही मौसमी और ससुरालवालों के बीच काफी तनाव था।

बेटी की शांति के लिए की थी दुआ

पायल बहुत छोटी उम्र में ही डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ गई थीं। मौसमी ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि वह अपनी बेटी के दर्द को देखकर इतनी बेबस हो गई थीं कि भगवान से उसकी मुक्ति के लिए प्रार्थना करने लगीं।

उन्होंने कहा, "वह बहुत प्यारी बच्ची थी, लेकिन जिस तकलीफ से वह गुजर रही थी, उसे देखना मेरे लिए असहनीय हो गया था। साल 2017 में वह कोमा में चली गई थी। समय-समय पर वह होश में आती थी, लेकिन हमें कुछ शर्तों के साथ ही उससे मिलने दिया जाता था। इसलिए मुझे भगवान से प्रार्थना करनी पड़ी।"

टूटा रिश्ता, बढ़ी दूरी

पायल के इलाज के दौरान मौसमी ने अपने दामाद पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था, जिसके बाद मामला अदालत तक पहुंचा। डिकी सिन्हा ने मौसमी पर मानहानि का मुकदमा कर दिया और वह केस जीत भी गए। इस घटनाक्रम के बाद दोनों परिवारों के बीच रिश्ते और बिगड़ गए।

करीब 30 महीने कोमा में रहने के बाद 2019 में जब पायल का निधन हुआ, तो मौसमी चटर्जी ने बेटी को आखिरी बार देखने तक नहीं गईं।

यह दुखद घटना इस बात का उदाहरण है कि कैसे परिवारों के बीच प्रेम और रिश्ते समय के साथ गहरी दरारों में बदल सकते हैं।



 


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