लॉरेंस बिश्नोई: एक छात्र नेता से गैंगस्टर बनने की कहानी..... क्लिक कर जाने

Samachar Jagat | Wednesday, 16 Oct 2024 05:01:41 PM
Lawrence Bishnoi: The story of a student leader turning into a gangster... Click to know

लॉरेंस बिश्नोई अब अंडरवर्ल्ड में एक उभरता हुआ नाम बन चुका है, जो कई वर्षों से हाई-प्रोफाइल हत्याओं में शामिल रहा है। हाल ही में, एनसीपी नेता बाबा सिद्धीकी की हत्या का आरोप भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर लगा है। यह घटना 12 अक्टूबर को हुई, जब महाराष्ट्र राजनीति के एक महत्वपूर्ण चेहरे बाबा सिद्धीकी को गोली मार दी गई। लॉरेंस बिश्नोई वर्तमान में गुजरात की साबरमती जेल में बंद है।

छात्र नेता से गैंगस्टर बनने की यात्रा

लॉरेंस का जन्म 1993 में पंजाब के फिरोजपुर जिले के एक गांव में हुआ। उसके पिता एक हेड कांस्टेबल थे और चाहते थे कि लॉरेंस आईपीएस बने। लॉरेंस ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव से पूरी की और 2010 में चंडीगढ़ उच्च शिक्षा के लिए चले गए। 2011 में, उन्होंने डेव कॉलेज, चंडीगढ़ में दाखिला लिया और वहां छात्र संघ की राजनीति में सक्रिय हो गए। लॉरेंस ने पंजाब विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई के दौरान छात्र नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई और यहाँ पर उन्होंने छात्र संघ के अध्यक्ष का पद भी संभाला।

अपराध की दुनिया में प्रवेश

2008 में, लॉरेंस के दोस्त रॉबिन ब्रार ने पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में भाग लिया। रॉबिन को डराने के लिए लॉरेंस ने अपने दोस्त की लाइसेंसी रिवाल्वर से एक प्रतिद्वंदी पर फायरिंग की, जिसके परिणामस्वरूप उन पर हत्या का प्रयास करने का मामला दर्ज हुआ। लॉरेंस को दो महीने जेल में बिताने पड़े। जेल में रहते हुए उन्होंने कई अपराधियों से मुलाकात की और यहीं से वह अपराध की दुनिया में दाखिल हुए।

पहला हत्या का मामला

जेल से रिहा होने के बाद, लॉरेंस छात्र राजनीति में सक्रिय हो गया। 2010 में, उसने कॉलेज के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा, लेकिन हार गया। हार का बदला लेने के लिए लॉरेंस और उसके दोस्तों ने जीतने वाले उम्मीदवार के हाथ-पैर काट दिए। इसके बाद, उसने फिर से चुनाव में जीत हासिल की और 2011 में अध्यक्ष बना।

गैंग का विस्तार

लॉरेंस ने शराब के व्यवसाय में भी कदम रखा और 2013 में लुधियाना नगर निगम के एक उम्मीदवार की हत्या की। इसके बाद, वह जयपुर में अपने एक दोस्त के घर पर छिपा रहा। यहीं पर, उसने चार व्यक्तियों द्वारा अपने चचेरे भाई अमनदीप की हत्या का बदला लेने का फैसला किया।

लॉरेंस को 2014 में गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया, लेकिन उस वर्ष, वह पुलिस हिरासत से भाग निकला। 2016 में फिर से गिरफ्तार होने के बाद, उसने अपनी गैंग को और मजबूत किया। लॉरेंस के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई अब गैंग का संचालन कर रहे हैं।

जेल में गैंग का संचालन

लॉरेंस बिश्नोई 2016 से जेल में है, लेकिन उसकी गैंग का विस्तार जारी है। जेल में रहते हुए उसने कई अपराधियों से संपर्क साधा और एक गैंग का गठन किया। उसके गैंग में 700 से अधिक शूटर हैं, जिनमें से 300 पंजाब में हैं।

प्रमुख अपराध और आरोप

लॉरेंस बिश्नोई पर 2022 में 36 आपराधिक मामले दर्ज हुए थे। इनमें से 21 मामले अभी भी लंबित हैं, जबकि 9 मामलों में उसे बरी किया गया है। बिश्नोई को सलमान खान की हत्या की साजिश और 2022 में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के हत्या के मामले में भी आरोपी ठहराया गया है।

एक व्यक्तिगत त्रासदी का प्रभाव

यह भी कहा जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई की गैंगस्टर बनने की कहानी उसकी गर्लफ्रेंड की हत्या से जुड़ी है। वह पहले एक कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई कर रहा था और अपनी गर्लफ्रेंड के साथ शादी करने की इच्छा रखता था। लेकिन चुनाव हारने के बाद उसकी गर्लफ्रेंड गैंग वार में मारी गई, जिसके बदले में लॉरेंस ने अपराध की दुनिया में कदम रखा।

निष्कर्ष

लॉरेंस बिश्नोई की कहानी एक छात्र नेता से गैंगस्टर बनने की त्रासदी है, जिसमें व्यक्तिगत और सामाजिक दोनों ही पहलुओं का समावेश है। यह कहानी उस संघर्ष और दर्द को दर्शाती है, जो उसे अंडरवर्ल्ड में ले गया।

 

 

 

 

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