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इंटरनेट डेस्क। देश की मशहूर कभी और लेखक मनोज मुंतशिर ने पहलगाम में हुए हमले पर गुस्सा जाहिर करते हुए सोशल मीडिया में अपनी बात रखी है। एक वीडियो जारी करते हुए उन्होंने कहा है की बधाई हो जिन लोगों को गोलियां लगी है उनमें से कोई आपका नहीं था। खुश हो जाओ की पहलगाम में आपका अपना कोई बेटा या भाई नहीं मारा गया लेकिन आप कब तक बच सकोगे इस बारे में सोच लेना ?? उसके आगे मनोज ने कहा कि अगर कश्मीर नहीं जाओगे घूमने तो मुर्शिदाबाद में मारे जाओगे, कोलकाता में मारे जाओगे, गोधरा में मारे जाओगे, दिल्ली और मुजफ्फरपुर में भी मारे जाओगे...
आलोचकों को भी सुनाई खरी खरी
मनोज ने वीडियो शेयर करने के बाद अपने आलोचकों को भी नहीं छोड़ा और उन्हें भी सुनाया। मनोज ने कहा कि मुझे इस वक्त गालियां देने के लिए बहुत से लोगों की उंगलियां फड़फड़ा रही होगी। यह वही लोग हैं जो देश में सेकुलरिज्म की बात करते हैं और इस तरह की हिंसा में मौन हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर तुमने तय कर ही लिया है कि तुम शेर नहीं हो तो फिर बकरे की तरह काटने के लिए तुम्हें तैयार हो जाना चाहिए।
अल्लाह हू अकबर बोलकर घुटने टेक तो
इसके बाद मनोज ने कहा कि अगर हर हर महादेव कहकर एक साथ नहीं हो सकते तो फिर उन लोगों को अल्लाह हू अकबर बोलकर घुटने टेक देने चाहिए। कलम आखिरकार सीख लेना चाहिए कम से कम जान तो बच जाएगी। उन्होंने कहा कि मुझे गालियां देने के लिए जितनी जल्दी हाथ कीबोर्ड और टाइपिंग के लिए बढ़ रहे हैं काश 26 लोगों की मौत के बाद भी कुछ ऐसा ही उबाल शरीर में आता।
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