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दूरदर्शन में 80 हजार रुपए महीने की नौकरी पर “अपनों” को लगाने की कवायद!
- पद का दुरुपयोग, बिना प्रोसिडिंग के की जा रही भर्ती, दिल्ली निदेशालय के अधिकारी भी इन्वॉल्वड
जयपुर। जयपुर दूरदर्शन केंद्र के न्यूज़ रूम में इन दिनों नियम और कायदे कानून की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और यह सब हो रहा है दिल्ली दूरदर्शन निदेशालय के इशारे पर। दिल्ली के सूत्रों का कहना है कि स्थानीय अधिकारी दिल्ली में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर पद का दुरुपयोग करते हुए बिना प्रोसिडिंग के अपने चहेतों को ₹80000 प्रति माह की बैकडोर एंट्री से नौकरी लगाने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए 27 जुलाई 2023 को प्रसार भारती की ओर से एंकर कम कोरेस्पोंडेंट, वीडियो एडिटर, कॉपी एडिटर, बुलेटिन एडिटर, पैकेजिंग असिस्टेंट, असाइनमेंट कोर्डिनेटर, ब्रॉडकास्ट एग्जीक्यूटिव और सीनियर कोरेस्पोंडेंट के कंट्रक्चुअल स्टाफ के लिए विज्ञप्ति निकाली गई थी। सभी पदों के लिए इंटरव्यू सहित तमाम औपचारिकताएं हुई थी। लेकिन सीनियर कोरेस्पोंडेंट के एक पद पर अधिकारियों के चहेते अभ्यर्थी के निर्धारित मापदंडों में फिट नहीं होने के कारण इस पद के लिए किसी को भी भर्ती नहीं किया गया। और इस पद को ख़ाली छोड़ दिया गया। दूरदर्शन निदेशालय नई दिल्ली के सूत्रों का कहना है कि सीनियर कॉरस्पॉडेंट के लिए एक और व्यक्ति के दिल्ली का फरमान लेकर आने से इन रिक्त पदों की संख्या “अपनी मर्जी“ से बढ़कर दो कर दी गई। यही नहीं इन दोनों पदों के लिए नए सिरे से कोई विज्ञप्ति न तो प्रसार भारती के स्तर पर निकाली गई न ही स्थानीय स्तर पर जारी नहीं की गई। ना ही कोई इंटरव्यू कॉल सार्वजनिक रूप से दिया गया। जबकि नियमानुसार किसी भी प्रकार की सरकारी भर्ती के लिए अख़बारों में विज्ञापन देना आवश्यक होता है। दिल्ली और जयपुर दूरदर्शन के अधिकारियों ने अपनी मर्जी से अभ्यर्थियों को बुलाकर इंटरव्यू सहित तमाम औपचारिकताएं पूरी कर लीं। इनमें एक पद एक ऐसे व्यक्ति के लिए सृजित किया गया जो प्रदेश में राज्य सरकार बदलने के साथ-साथ मुख्यमंत्री के नजदीकी पद पर नियुक्त हो चुके हैं। जबकि दूसरे चहेते को दूरदर्शन ने उपकृत कर ही दिया है लेकिन फ़िलहाल लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता के कारण उनकी पोस्टिंग अटकी हुई है।