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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जो पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आत्मनिर्भर और उद्यमी बनाने के लिए चलाई जा रही है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को बिना गारंटी के सस्ते ब्याज दर पर लोन और ₹15,000 तक की आर्थिक सहायता मिलती है।
योजना के मुख्य लाभ और विवरण:
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लोन सुविधा:
- पहले चरण में ₹1 लाख और दूसरे चरण में ₹2 लाख तक का लोन।
- 5% की ब्याज दर पर लोन।
- लोन की अवधि: पहले चरण का लोन 18 महीने और दूसरे चरण का लोन 30 महीने में चुकाया जा सकता है।
- भारत सरकार 8% ब्याज सब्सिडी प्रदान करती है।
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₹15,000 का टूलकिट प्रोत्साहन:
- लाभार्थियों को ई-वाउचर के जरिए अपने व्यवसाय के लिए आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए ₹15,000 तक की आर्थिक मदद।
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कौन-कौन पात्र हैं:
- बढ़ई, नाव निर्माता, हथियार निर्माता, लोहार, सोनार, कुम्हार, राजमिस्त्री, दर्जी, धोबी, और अन्य 18 ट्रेड्स के कारीगर।
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उद्देश्य:
पारंपरिक कौशल को संरक्षित करना और कारीगरों को औपचारिक प्रशिक्षण के माध्यम से उनके कौशल का उन्नयन और आधुनिकीकरण करना।
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पंजीकरण प्रक्रिया:
- आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करें।
- संबंधित ट्रेड्स के कारीगर औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।
योजना की प्रगति:
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के अनुसार, इस योजना के तहत 2 लाख से अधिक लाभार्थियों को अब तक ₹1,751 करोड़ का लोन स्वीकृत किया गया है। योजना का कुल वित्तीय परिव्यय 2023-2028 तक ₹13,000 करोड़ है।