- SHARE
-
जयपुर। साफ सुथरे जयपुर के लिए जयपुर नगर निगम के द्वारा तारीफों के थान जम कर फाड़े जाते हो, मगर चार दिवारी इलाके में तो लापरवाही की हद्द पार हो चुकी है। मुख्य रोड हो या फिर शहर की गालियां,नगर वासियों का जीना हराम हो गया है। हालत इस कदर खराब हो गई है कि रोड पर गटर के पानी का स्थाई तलाब बन गया है। वहां की एक दर्जन दुकानों में खरीद दारी करने के लिए , आने जाने का रास्ता बंद होने के साथ साथ कई सारे घरों और स्कूलों का मार्ग डूब जाने पर बच्चों का उनकी पाठशाला जाने का रास्ता बंद हो गया है। यही नहीं इस गंध के चलते लोगों का घर बैठना और भोजन करना मुश्किल हो गया है।
गंदगी बढ़ाओ अभियान का असर जयपुर नगर निगम हैरिटेज और ग्रेटर की गलियों और मोहल्लों का बाजा बड़ा पड़ा है। कहने को निगम के कचरा उठाने वाली गाड़ियां इन इलाकों में नियमित आती है। मगर यहां बात मेने हॉल से उफनता सिवरेज का गंदा पानी रोड पर जमा हो जाता है। जिसकी शिकायत बार बार किए जाने के बाद भी, अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।
पुराने जयपुर के माउंट रोड के कागजी वाडा में गटर का पानी कई दिनों से जाम पड़ा है। यहां देव नारायण मंदिर के आसपास का इलाका सिवरेज के गंदे पानी की सड़ांध के मारे बुरी तरह सड़ रहा है। यहीं छोटी पुलिया से मैन का गटर का पानी रोड पड़ जमा हो गया है। जय दुर्गा सीनियर सेकेंडरी स्कूल वाली तक कीचड़ जमा हो गया है। स्कूल के निकट ही दो दर्जन दुकानें है। इलाकावासी वहां जाकर रोज रोग के आइटम की खरीद दारी नहीं कर पा रहे हैं।
शहरों की सीवर और गंदे नालों में बहते अपशिष्ठ जल के उपचार को लेकर निगम के अधिकारियों का कहना है कि इसका मुख्य ध्येय सीवेज से दूषित पदार्थो को हटाने के लिए एक ऐसा प्रवाह उत्पन्न करता है की जो आसपास के वातावरण या इच्छित पुनेः उपयोग के योग्य किया जाता है। जहां तक सवाल सिवरेज डिस्चार्ज में घरों और व्यवसाय से अपशिष्ठ जल होता है। इसमें उपचार के लिए अनेक प्रक्रिया है। जिसके संचालन के लिए आन साइट उपचार प्रणालियों सहित सीवेज को उपचार संयंत्र तक पहुंचती है।
सीवेज उपचार के लिए प्रोधोगियां विकसित की जा चुकी है।
इस मामले में सीवेज की मुख्य भूमिका पर्यावरण सुधार की है।मगर इसका रख रखाव ठीक से नहीं हो पा रहा है। सीवेज आए दिन जाम हो रही है। समय पर सफाई ना होने पर गटर का पॉटी वाला पानी अनेक लोगों की किचन तक जा रहा है। जाहिर हैं कि इसका शहर वासियों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ने लगा है ।