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उदयपुर। राजस्थान के चित्तौडगढ में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर द्बारा पुरातात्विक सर्वे ऑफ इंडिया तथा जिला प्रशासन के सहयोग से 28 से 30 अप्रेल तक ''गढ़ उत्सव’’ का आयोजन किया जाएगा।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि तीन दिवसीय इस उत्सव के दौरान जहां रंग और नीर (वॉटर कलर) के मिलन से उकेरी गई पैंटिग्स दिलों में उतरेगी, इसके मार्फत राजस्थान की विरासतों, खासकर चित्तौड़ के गढ़ से जुड़èे गौरवपूर्ण इतिहास से आमजन को न सिर्फ अवगत कराया जाएगा, बल्कि पुरातात्विक ष्टि से इसकी महत्ता बताने के लिए एक दिन पुरातत्व विशषज्ञ के साथ किले के पैदल भ्रमण का मौका भी दिया जाएगा।
इतना ही नहीं, इन तीन दिनों में कथक और ओडिसी जैसे क्लासिकल नृत्यों के साथ ही राजस्थान की माटी से निकले चरी और घूमर जैसे मनभावन नृत्यों की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि मीरां के जिक्र के बिना राजस्थान में किसी सांस्कृतिक की कल्पना भी नहीं की जा सकती, सो शास्त्रीय नृत्यों में जहां मीरां से जुड़ी घटनाएं प्रतिबिबित होंगी, वहीं उनके भजन भी वातावरण को कृष्णमयी करेंगे।
इस दौरान तीसरी आंख यानी कैमरे के जादूगरों को भी अपने हुनर को दिखाने का मौका मिलेगा। इन सभी कार्यक्रमों को आयोजन कुंभा पैलेस और चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर होगा। वहीं कुंभा पैलेस पर 29 एवं 3० अप्रेल को लाइट एंड साउंड शो सभी आगंतुकों का मन मोहेगा। उन्होंनेे बताया कि उत्सव में 28 से 30 अप्रेल तक वॉटर कलर आर्ट कैंप और राजस्थान की प्रसिद्ध फड़ कला की वर्कशॉप का आयोजन होगा। वॉटर कलर आर्ट कैंप में उदयपुर के प्रसिद्ध चित्रकार अनुराग मेहता अपनी शैली की पैंटिग्स की विशेषताएं प्रतिभागियों से साझा करेंगे।
उन्होंने बताया कि 29-30 अप्रेल को चितेरे हेरिटेज इन वॉटर कलर्स में अपनी पैंटिग्स से हमारी गौरवशाली विरासत यानी हेरिटेज को जीवंत करेंगे। उन्होंने बताया कि 29 अप्रेल को सुबह 7 बजे 'हेरिटेज वॉक’ के अंतर्गत गढ़ों में गढ़ चित्तौड़गढ़ दुर्ग का पैदल भ्रमण किया जाएगा। इसमें आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के विशेषज्ञ दुर्ग के तमाम खास स्थलों की बारीक जानकारी देंगे। सेंटर की निदेशक श्रीमती गुप्ता ने बताया कि उत्सव के दौरान 29 व 30 अप्रेल की शाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सांस्कृतिक विरासत को उकेरा जाएगा।
इसमें जहां सयाजीराव विवि के कॉलेज ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट के कलाकार कथक और ओडिसी जैसे क्लासिकल डांस की प्रस्तुति देंगे, वहीं किशनगढ़ के नर्तक-नर्तकियां राजस्थानी चरी तथा घूमर जैसे नृत्यों से दर्शकों को रिझाएंगे। इसके साथ ही सयाजीराव विवि के कॉलेज ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट के कलाकार मीराबाई के भजनों की प्रस्तुति से माहौल कृष्णमयी बनाएंगे।