- SHARE
-
भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा और यात्रा को अधिक आरामदायक बनाने के लिए वेटिंग टिकट (Waiting Ticket) पर यात्रा करने की अनुमति समाप्त कर दी है। अब केवल कन्फर्म टिकट वाले यात्री ही ट्रेन में चढ़ सकेंगे। यह नीति मुख्य रूप से एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों पर लागू की गई है। इस कदम का उद्देश्य भीड़भाड़ को कम करना, पारदर्शिता बढ़ाना और यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करना है।
वेटिंग टिकट पहले कैसे काम करता था?
- वेटिंग टिकट तब मिलता था, जब सभी सीटें और बर्थ पहले से बुक हो चुकी होती थीं।
- वेटिंग लिस्ट में जगह यात्रियों के टिकट कैंसिल होने के बाद बदलती रहती थी।
- वेटिंग लिस्ट के प्रकार:
- GNWL (जनरल वेटिंग लिस्ट)
- TQWL (तत्काल वेटिंग लिस्ट)
- RLWL (रिमोट लोकेशन वेटिंग लिस्ट)
- PQWL (पूल कोटा वेटिंग लिस्ट)
पहले वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को सीट या बर्थ की गारंटी नहीं होती थी, जिससे यात्रा असुविधाजनक हो जाती थी।
नई नीति का उद्देश्य
भारतीय रेलवे ने इस निर्णय के पीछे कई कारण बताए हैं:
- यात्रियों की सुरक्षा:
- भीड़भाड़ कम होने से दुर्घटनाओं का खतरा कम होगा।
- आरामदायक यात्रा:
- अब प्रत्येक यात्री को कन्फर्म सीट मिलेगी।
- समय पर ट्रेन संचालन:
- व्यवस्थित चढ़ाई से ट्रेनें समय पर चलेंगी।
- पारदर्शिता:
- केवल कन्फर्म टिकट वाले यात्री ही यात्रा कर सकेंगे।
इस फैसले का असर
सकारात्मक प्रभाव:
- सुरक्षा में सुधार: भीड़ कम होने से हादसे और अव्यवस्था कम होगी।
- आरामदायक यात्रा: प्रत्येक यात्री को सीट सुनिश्चित होगी।
- समयबद्धता: ट्रेनें अधिक समय पर चलेंगी।
नकारात्मक प्रभाव:
- वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को वैकल्पिक साधन तलाशने होंगे।
- तत्काल बुकिंग में सीटों की मांग और बढ़ सकती है।
रिफंड प्रक्रिया
- ऑनलाइन टिकट: IRCTC पर बुक किए गए टिकट का पैसा सीधे बैंक खाते में वापस होगा।
- काउंटर टिकट: काउंटर से टिकट लिया गया है, तो वहां जाकर रिफंड लेना होगा।
तात्कालिक बुकिंग विकल्प
- यात्रा से ठीक एक दिन पहले खुलती है।
- सीमित सीटों के कारण जल्दी बुक करना आवश्यक है।
- ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध।
यदि टिकट कन्फर्म न हो, तो अन्य साधनों जैसे बस, टैक्सी, या फ्लाइट का उपयोग करें।