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शिक्षा विभाग ने छात्रों के समय का सदुपयोग करने के लिए स्कूलों की छुट्टियों के शेड्यूल में बदलाव किया है। अब 23 दिसंबर को परीक्षाएं समाप्त होने के बावजूद, छात्रों को 31 दिसंबर तक स्कूल आना होगा। इस दौरान, विशेष कक्षाएं और मिड-डे मील जैसी सुविधाएं जारी रहेंगी।
शिक्षा विभाग की नई व्यवस्था
गैर-वार्षिक बोर्ड कक्षाओं के छात्रों के लिए 23 दिसंबर को परीक्षाएं समाप्त होने के बावजूद 31 दिसंबर तक स्कूल में उपस्थिति अनिवार्य रहेगी। इसका उद्देश्य छात्रों के समय का बेहतर प्रबंधन और उनकी पढ़ाई में सुधार करना है।
शिक्षकों और छात्रों की भागीदारी अनिवार्य
नई व्यवस्था के तहत:
- रोजाना प्रार्थना सभा: स्कूलों में हर दिन प्रार्थना सभा आयोजित की जाएगी।
- मिड-डे मील व्यवस्था: छात्रों के पोषण के लिए मिड-डे मील उपलब्ध रहेगा।
- शिक्षा सुधार के प्रयास: शिक्षकों को पढ़ाई में कमजोर छात्रों को सुधारने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा विभाग के निदेशक आशीष कोहली ने कहा है कि इस दौरान किसी भी स्कूल स्तर पर छुट्टी घोषित नहीं की जा सकती।
रोजाना स्कूलों की निगरानी
शिक्षा विभाग इस अवधि में स्कूलों की नियमित निगरानी करेगा, जिसमें निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा:
- मिड-डे मील की गुणवत्ता
- छात्रों की उपस्थिति
- पढ़ाई का आकलन
- पाठ्यक्रम के अलावा छात्रों को नई गतिविधियों में भाग लेने का अवसर
परीक्षा परिणाम और शीतकालीन अवकाश
कक्षा 1 से 9 तक की वार्षिक परीक्षाएं इसी सप्ताह समाप्त हो जाएंगी, और परिणाम 31 दिसंबर को घोषित होगा। इसके बाद 1 जनवरी से शीतकालीन अवकाश आरंभ होगा।
समय का प्रभावी उपयोग: विभाग की पहल
परीक्षा और परिणाम के बीच के खाली समय को उपयोगी बनाने के लिए छात्रों को स्कूल बुलाया जा रहा है। पहले यह समय अक्सर बिना किसी गतिविधि के व्यतीत हो जाता था। इस बार परीक्षाएं 10 दिसंबर से शुरू हुईं, ताकि ठंड के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए छात्रों की सुविधा सुनिश्चित की जा सके।
FAQs
1. क्या 31 दिसंबर तक स्कूल जाना जरूरी है?
हां, शिक्षा विभाग के आदेशानुसार 31 दिसंबर तक स्कूल आना अनिवार्य है।
2. नई व्यवस्था का उद्देश्य क्या है?
छात्रों के समय का सही उपयोग और उनकी पढ़ाई में सुधार करना।
3. मिड-डे मील और विशेष कक्षाओं का क्या महत्व है?
मिड-डे मील छात्रों के पोषण स्तर को बनाए रखने के लिए है, जबकि विशेष कक्षाएं अतिरिक्त शिक्षा और कौशल विकास पर केंद्रित हैं।