- SHARE
-
बिहार के मुजफ्फरपुर और मोतिहारी जिलों में जमीन की खरीद-बिक्री में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है। खासकर, फोरलेन परियोजनाओं के चलते इन क्षेत्रों में संभावनाएं बढ़ी हैं। राजस्व विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पश्चिमी चंपारण (बेतिया) ने 131.67% राजस्व वसूली के साथ पहला स्थान हासिल किया है, जबकि मुजफ्फरपुर और मोतिहारी ने भी अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखी है।
राजस्व वसूली में जिलों का प्रदर्शन
कुछ जिलों ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन शिवहर और सीतामढ़ी जैसे जिलों में स्थिति कमजोर रही।
- बेतिया: लक्ष्य का 131.67% राजस्व वसूला गया।
- मुजफ्फरपुर: 476.22 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले 289.02 करोड़ की वसूली।
- मोतिहारी: 425.85 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले 252.16 करोड़ वसूले गए।
- सीतामढ़ी: लक्ष्य का केवल 80% ही वसूला गया।
- शिवहर: निर्धारित लक्ष्य का सिर्फ 60% ही वसूला गया।
रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता पर जोर
राजस्व विभाग ने ज़मीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों को ज़मीन की सही किस्म और उपयोग का स्पष्ट विवरण देने को कहा गया है। उन मामलों में जुर्माने की योजना बनाई गई है, जहां मकान को खाली जमीन दिखाकर रजिस्ट्री करवाई गई थी।
फोरलेन परियोजनाओं से बढ़ा आकर्षण
मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी फोरलेन परियोजना के निर्माण के बाद इन क्षेत्रों में जमीन की कीमतों और खरीद-बिक्री में और तेज़ी आने की उम्मीद है। इससे राजस्व वसूली के आंकड़ों में भी सुधार होगा।
अब तक की वसूली के आंकड़े (31 अक्टूबर तक):
- मुजफ्फरपुर: ₹289.02 करोड़
- मोतिहारी: ₹252.16 करोड़
- वैशाली: ₹180.56 करोड़
- सीतामढ़ी: ₹157.09 करोड़
- बेतिया: ₹127.29 करोड़
- शिवहर: ₹24.38 करोड़
भविष्य की संभावनाएं
सीतामढ़ी और शिवहर के निवासी बड़ी संख्या में मुजफ्फरपुर और मोतिहारी में जमीन खरीद रहे हैं। आने वाले वर्षों में इन क्षेत्रों में निवेश बढ़ने के साथ ही राजस्व वसूली के और बेहतर होने की उम्मीद है।