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जयपुर। जमाना खराब है भाई साहब, हर किसी पर विश्वास खतरनाक साबित हो सकता है। जी हां इसी तरह के एक मामले ने देश भर के मानव अधिकार कार्यकर्ताओं को हैरान किया हुआ है, फिर यह केस ही इस कदर उलझ गया है कि पुलिस को भी इसके समाधान नहीं मिल रहा है।
इस दिलचस्प कहानी की शुरुआत एक राशन विक्रेता की दुकान से शुरू हुई है। कहा जाता है कि आजाद नगर निवासी मुन्ना लाल शुक्ला जो कि सिक्योरिटी गार्ड का काम करता है उसकी पत्नी सुनीता ने 17 दिसंबर 2022 को घर पर ही चौथी संतान के रूप में बेटी को जन्म दिया था। उसकी पत्नी सुनीता नवाबगंज में कोटेदार राजेंद्र त्रिवेदी की दुकान पर घर के लिए राशन की खरीद के लिए जाया करती थी। कोटा उनकी बेटी चलाया करती है । दोनों में अच्छी तरह घुटने लगी।
तभी वर्षा देवी की नजर सुनीता की नवजात बेटी पर पड़ गई। बात ही बात में वर्षा ने सुनीता से पूछा कि इस बार तेरे चौथी संतान के रूप में लड़की ने जन्म के लिया है। जरा सोचो कि इन चार चार छोरियों का पालन पोषण कई से करेगी । फिर मंहगाई इतनी ही गई है कि एक बच्चा पालना ही मुश्किल हो गया है। सचमें है ना...! भोली भाली,देहाती महिला सुनीता उसके जाल में फंस गई। शातिर वर्षा कहने लगी कि इस छोरी का नाम अभी से राशन कार्ड में जुड़वा दे। इस पर इस बच्ची के हिस्से का राशन मिलने लगेगा और मुख्यमंत्री कोष से पैसा भी। वर्षा कहने लगी ये दफ्तर के मामले तेरे समझ के बाहर है।
में ही इसे तैयार करवा देती हूं। चलाक महिला ने राशन कार्ड में नाम जुड़वाने के नाम पर गोद नामे पर सुनीता की अंगूठा निशानी करवा ली। तीस जनवरी को वे दोनों नवजात बच्ची को साथ लेकर रजिस्ट्री कार्यालय पहुंच गई। वहां रजिस्ट्रार के सामने जरुरी कागजातों पर अंगूठा लगवा लिया। 31 जनवरी को बच्ची के रेटीना की फोटो खिंचवाने के नाम पर बच्ची को अपने साथ ले गई । इस दौरान सुनीता बोली भी मैं भी साथ चलू। बरखा कहने लगी अब सारा काम हों गया है। ठंड के मौसम में तू क्या करेगी। इसके बाद बरखा वापस नहीं लौटी। शाम को वह बरखा के घर गई तो उसने बच्ची के नाम पर बीस हजार रुपए देने की कोशिश की।
सुनीता ने इस पर मना कर दिया की इस बच्ची के सारे कागजात मेरे नाम गोदनामे पर ही चुके है। अब से मैं ही इस बच्ची की मां हूं। इस बात के लिए तूने ही रजिस्टरार के सामने अंगूठा निशानी की है। सुनीता इस पर रोती पिटती पुलिस थाने गई। मगर वहां उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। यह केस कोर्ट में गया और उसके आदेश पर वर्षा,उसके पति मनीष,पिता राजेंद्र और अंबुज मिश्रा व अनुराग गुप्ता के खिलाफ धारा 363,420 और 506 में रिपोर्ट दर्ज हो गई। यह सब हुआ कैसे।
इस बारे में पुलिस ने बताया की वर्षा देवी ने सौ रूपये के स्टांप पेपर पर कुछ कानूनी बाते लिखी थी कुछ फोटो चस्पा किए गए,दस्तखत हुए,अंगूठे लगाए गए और दो महीने की यह बच्ची से उसकी मां छीन गई। इस केस में पुलिस के सामने कई जटिल सवाल है। इसमें पहला यह है कि मुन्ना लाल और सुनीता ने क्या स्वेच्छा से बच्ची की दी या फिर बरखा देवी धोका देकर बच्ची को ले गई। यह उत्तर वाकई उलझ चुका है। देखना है कि पुलिस की तहकीकात क्या खुलासा करेगी।
Pc:Dainik Bhaskar