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जयपुर। चार दिवारी के मार्केट्स में अतिक्रमण का रोग यहां के प्रशासन के लिए सिर दर्द बन गया है। कहने को इस मामले में जयपुर नगर ने समय समय पर कदम उठाए है। मगर इसका फॉलोअप ठीक से ना होने पर एक और रोड एक्सीडेंट तो बढ़ें ही है, साथ ही में ग्राहकों को उनके वाहन पार्क करने की जगह ना मिलने पर वे अपनी मन चाही दुकान पर जा कर खरीद दारी नहीं कर पा रहे है। यहां बड़ी समस्या बरामदों की है,जहां दुकानदारों ने अपने आइटम इस कदर डिस्प्ले किए है की वहां पैदल चलने में शहर वासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा ये बरामदे जयपुर की खूबसूरती और पर्यटकों कोआकर्षित करने में बड़ी भूमिका निभाते है। मगर वहां भी अतिक्रमण के संक्रामक रोग ने सब गुडगोबर कर दिया है।
नाहरगढ़ के रास्ते के एक व्यवसाई अग्रवाल ब्रदर्श का कहना है कि चारदीवारी क्षेत्र में जब बरामदों का निर्माण किया गया तो पैदल चलने वालों को बहुत सहूलियत थी। मगर अब अस्सी प्रतिशत बरामदों पर कब्जा कर लिया है। गौर तलब है की इन स्थलों पर कब्जा करने वालों में अधिकतर वहां का व्यापारी वर्ग है। जब भी इस मामले पर प्रशासन और दुकानदार के बीच वार्ता होती है,व्यापारी वर्ग सहयोग के लिए तैयार नहीं होता है।
चांदपोल बाजार में छोटी चौपड़ से लेकर चांदपोल गेट की ओर,बाबा हरीश चंद्र मार्ग मोड़ के आगे रेडीमेड गारमेंट्स वालों ने पूरे बरामदे पर अवैध कब्जा किया हुवा है। आगे खजाने वालों के रास्ते के मोड़ तक, हालत बहुत बुरे है। इस क्षेत्र में फुटपाथियों ने रोड को भी नहीं छोड़ा है। चांदपोल गेट के संजय सर्किल तक,ट्रैफिक इस कदर बकवास किया हुवा है की शायद ही कोई बिना किसी से उलझे, सूखा निकल जाय,यह बहुत बड़ी बात है। यहीं संजय सर्किल का राउंड करके फिर से चांदपोल गेट की हालत बहुत खराब है। यहां एक और सब्जी वालों को गली जो सीकर हाउस की ओर जाती है, बैटरी ई रिक्शा वालों ने सारा माहोल खराब किया हुवा है।
चांदपोल गेट से भीतर की ओर निकल ने पर हनुमान जी का ऐतिहासिक मंदिर,जहां मंगलवार को भक्त जनों का मेला लगा रहता है। अतिक्रमण वालों ने बाजार की मुख्य रोड को संकरा कर दिया है। सुबह और सायं के समय तो ट्रैफिक की हालत बहुत खराब की जा चुकीं है। ऐतिहासिक परिपेक्ष में यह इलाका महत्वपूर्ण है। मगर यहां के हालत बेहद खराब है।