thalassemia patient banu: बन्नू के जन्म की खुशयिां धरी रह गई , खतरनाक बीमारी से हुआ पूरा परविार परेशान

varsha | Wednesday, 10 May 2023 11:23:47 AM
thalassemia patient banu: The happiness of Bannu's birth was overshadowed, the whole family was troubled by a dangerous disease.

जयपुर। शहर की फुटपाथ पर ठेला लगाता है, बन्ना लाल नायक। कुछ माह पहले ही इसके घर में खुशियां महकी थी। कई सालों के इंतजार के बाद हमारा बच्चा खुशियां लाया। दोस्तों को बुलाया,सभी को पार्टी दी। बन्नू खुश था। ना जाने कितने सपने देखने लगा।

मगर अफसोस....! उसे तेज बुखार हुआ था। ना जाने कितने डॉक्टरों को दिखाया। मगर बुखार नही उतरा। गांव के लोग तरह की बातें बनाने लगे। कोई कहता था की ऊपर की हवा लगी है। इसे किसी अच्छे स्याने के पास ले जा। कोई जंतर बनवा ला। छोटे के गले में डाल दे। ऊपर की हवा होगी तो भाग जाएगी। ना जाने कितने तांत्रिकों के पास गया। सिवाय पैसों की बरबादी,.....? और फिर होना ही था। तभी किसी परिचित की सलाह के बाद जेके में दिखा। राम जी ने चाहा तो तेरा बच्चा ठीक हो जायेगा।

कई तरह की जांचे की गई तो पता चला कि उसके बच्चे को थैलेसिमिया हो गया है। यह एक अनुवांशिक रक्त विकार है। जिसके लिए लगातार रक्त संक्रमण और चिकित्सा की आवश्यक होती है। बन्नू के सामने कई सारी परेशानियां थी। पहली थी आर्थिक और दूसरी थी उसका रोजगार। क्या करता बच्चे को सम्हाले या फिर अपना फास्ट फूड का ठेला। दोनो ही जरूरी थे। परेशानी के चलते वह भी कमजोर हो गया। बन्नू की पत्नी समझदार थी,मगर पढ़ी लिखी कम थी।

फिर भी उसने पूरा इस विधि में बोन मेरो ट्रांसप्लांट hemtopoiatic।विकारों जैसे लुकेमिया,सिंगल सेल अनीमिया, थैलीसीमिया जैसे रोगों को संबोधित करता है। Haiploideetical बॉन मेरो ट्रांसप्लांट में डोनर मरीज का रिश्तेदार है और वहां मौजूद है,थैलीसीमिया सिकल सेल अनीमिया,ल्यूकेमिया आदि अन्य डिसऑर्डर के मामलो में जो रोगी गंभीर रूप से बीमार होते है,उनकी लाइफ सेविंग के तौर पर किया जाता है।

इससे वेटिंग का समय कम होता है। क्यों कि आमतौर पर डोनर हैपलो इंडेंटिकल रिश्तेदार होता है। जिनमे से माता पिता और भाई बहन दोनो शामिल होते है। एक रिश्तेदार के लिए एक अजनबी के मुकाबले एक डोनर के रूप में सामने आना आसान है। यह विधि अन्य अन्य।विकल्पों की तुलना में कम खर्चीला विकल्प है। इसमें जटिलता को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसमें समय कम लगता है। इसमें रिपलेश होने की समस्या कम होती है।

मगर बन्नो के केस में जो परेशानी सामने आई है वह बहत ही दुर्लभ है। चिकित्सकों का कहना है की बन्नो पुत्र की जान बचाई जा सकती है।अगर उसका खर्च बहुत ज्यादा है। समस्या इस बात की हो गई है की परिवार बहुत ही गरीब है। मदद के लिए काफी प्रयास किए है मगर कोई आशाजनक परिणाम सामने नहीं किया है।

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