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टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army) देश सेवा का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है। यह उन लोगों के लिए है जो पूर्णकालिक सेना में शामिल नहीं हो सकते, लेकिन देश के लिए अपनी सेवा देना चाहते हैं। यह एक पार्ट-टाइम सैन्य सेवा है, जिसमें साल में केवल दो महीने की ट्रेनिंग अनिवार्य होती है। हाल के दिनों में इसकी भर्ती प्रक्रिया युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो गई है।
टेरिटोरियल आर्मी और भारतीय सेना में अंतर:
- सेवा का प्रकार:
- टेरिटोरियल आर्मी: पार्ट-टाइम सेवा, जिसमें दो महीने की ट्रेनिंग होती है।
- भारतीय सेना: फुल-टाइम सेवा।
- काम का उद्देश्य:
- टेरिटोरियल आर्मी: आपातकाल, युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं में सहायक।
- भारतीय सेना: देश की रक्षा और सुरक्षा।
- वेतन और पेंशन:
- टेरिटोरियल आर्मी: केवल सेवा अवधि के दौरान वेतन।
- भारतीय सेना: नियमित वेतन और पेंशन।
टेरिटोरियल आर्मी में शामिल होने के लिए आवश्यक योग्यताएं:
- आयु सीमा: 18 से 42 वर्ष।
- भारतीय नागरिक होना अनिवार्य।
- शारीरिक और मानसिक रूप से फिट।
- शैक्षणिक योग्यता: न्यूनतम 10वीं या 12वीं पास (पद के आधार पर)।
भर्ती और चयन प्रक्रिया:
- आम नागरिकों के लिए:
- लिखित परीक्षा: सामान्य ज्ञान, अंग्रेजी, और गणित।
- इंटरव्यू: परीक्षा पास करने के बाद।
- पूर्व सैन्य कर्मियों के लिए:
- शारीरिक परीक्षण:
- दौड़, पुशअप और अन्य फिटनेस मानदंड।
टेरिटोरियल आर्मी में वेतन और पेंशन:
- वेतन:
- सेवा अवधि में नियमित सेना के समान वेतन और भत्ते।
- डीए, मेडिकल भत्ता और अन्य सुविधाएं शामिल।
- पेंशन:
- पेंशन के लिए कमिशंड रैंक पर 20 साल की सेवा अनिवार्य।
- पार्ट-टाइम सेवा के कारण यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
टेरिटोरियल आर्मी की ट्रेनिंग प्रक्रिया:
- प्री-कमिशन ट्रेनिंग: छह महीने की बेसिक ट्रेनिंग।
- वार्षिक ट्रेनिंग कैंप: हर साल दो महीने की ट्रेनिंग।
- पोस्ट-कमिशनिंग ट्रेनिंग: ओटीए चेन्नई में तीन महीने की एडवांस ट्रेनिंग।