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इंटरनेट डेस्क। देश में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार का गठन हो चुका है। हालांकि अभी तक एनडीए की ओर से लोकसभा स्पीकर पद के लिए किसी सांसद के नाम का ऐलान नहीं हुआ है। आगामी समय ही बनाएगा कि एनडीए किस लोकसभा स्पीकर बनाता है।
इस संबंध में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। अशोक गहलोत ने इस संबंध में एक्स के माध्यम से कहा कि लोकसभा स्पीकर पद के चुनाव की ओर केवल टीडीपी एवं जेडीयू ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता उत्सुकता से देख रही है। यदि भाजपा के मन में आगे जाकर कोई भी अलोकतांत्रिक कृत्य करने का इरादा नहीं है तो उन्हें स्पीकर का पद किसी सहयोगी दल को ही देना चाहिए।
गठबंधन धर्म को निभाते हुए 1998 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में टीडीपी व शिवसेना के स्पीकर एवं यूपीए सरकार में 2004 से 2009 तक सीपीआई (एम) के स्पीकर रहे और अच्छे से लोकसभा का प्रबंधन हुआ।
कई राज्यों में स्पीकर की भूमिका के कारण ही गिरी सरकार
टीडीपी और जेडीयू को महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गोवा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश एवं राजस्थान में भाजपा द्वारा किए गए सरकार गिराने के षडय़ंत्रों को नहीं भूलना चाहिए। इनमें से कई राज्यों में तो स्पीकर की भूमिका के कारण ही सरकार गिरी और पार्टियां टूटीं।
टीडीपी और जेडीयू को अपने सांसदों की हॉर्स ट्रेडिंग होते देखने के लिए रहना चाहिए तैयार
2019 में टीडीपी के 6 में से 4 राज्यसभा सांसदों भाजपा में शामिल हो गए थे और तब टीडीपी कुछ भी नहीं कर सकी थी। अब अगर भाजपा लोकसभा स्पीकर का पद अपने पास रखती है तो टीडीपी और जेडीयू को अपने सांसदों की हॉर्स ट्रेडिंग होते देखने के लिए तैयार रहना चाहिए।
PC: rajasthan.ndtv
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