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जम्मू। सड़कों, फुटपाथ, फ्लाईओवर और रिहायशी इलाकों में साफ-सफाई में उल्लेखनीय सुधार के साथ जम्मू शहर तेजी से ‘‘स्वच्छ और हरित शहर’’ के रूप में बदलता जा रहा है।
शहर ‘‘शून्य अपशिष्ट’’ का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है और इस सकारात्मक बदलाव में सबसे अहम भूमिका सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधा (एमआरएफ) की है, जिसे ‘स्वच्छता केंद्र’ के रूप में भी जाना जाता है। इसकी स्थापना 2021 में की गई थी।शहर के बाहरी इलाके में स्थित एमआरएफ को क्षेत्रीय तथा शहरी विकास एजेंसी (आरयूडीए) और जम्मू नगर निगम (जेएमसी) के सहयोग से संचालित किया जाता है। यह जम्मू-कश्मीर में पहला ऐसा ‘स्वच्छता केंद्र’ है।
यह शहर के भीतर एकीकृत प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और कुशल ‘रीसाइक्लिंग’ (पुनर्चक्रण) के लिए एक स्थायी समाधान है।
आरयूडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एस अरोड़ा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जम्मू में स्थित यह एमआरएफ अपने आप में नायाब है। हमने इसे जम्मू नगर निगम के साथ साझेदारी में स्थापित किया है। पांच टन कचरे को संभालने की दैनिक क्षमता के साथ, यह लगभग तीन साल से चालू है। वर्तमान में हम हर महीने लगभग 150 से 200 टन कचरा इकट्ठा करते हैं, उन्हें अलग करते हैं और उनका पुनर्चक्रण करते हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘ अत्याधुनिक तकनीक से लैस एमआरएफ सूखे कचरे को ‘रीसाइक्लिंग’ केंद्रों में भेजने से पहले उसे इकट्ठा करता है, अलग करता है और उसका प्रसंस्करण करता है।
यह कार्बन उत्सर्जन को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है और शहर को स्वच्छ व हरा-भरा बनाता है।’’अरोड़ ने कहा, ‘‘ अभी तक हमने 7,000 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा एकत्र किया है, जिसे हमने सफलतापूर्वक अलग और पुनर्चक्रित किया है। पर्यावरणीय दृष्टिकोण से एकत्र किया गया प्रत्येक किलोग्राम प्लास्टिक कचरा अप्रत्यक्ष रूप से तीन किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन को रोकता है। हमारे प्रयासों से हमने वातावरण में 20,000 से 22,000 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन कम किया है।’’अरोड़ा ने कहा कि वे जल्द ही शहर में एक ‘‘सामग्री रीसाइक्लिंग केंद्र’’ भी स्थापित करेंगे।
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