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केंद्रीय विद्यालय (KVs) और जवाहर नवोदय विद्यालय (JNVs) में संविदा शिक्षकों को स्थायी नियुक्ति देने का कोई प्रावधान नहीं है। शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने लोकसभा में जानकारी देते हुए बताया कि ये शिक्षक केवल अस्थायी जरूरतों को पूरा करने के लिए रखे जाते हैं। इनका काम मुख्य रूप से रिटायरमेंट, ट्रांसफर, और छुट्टियों के कारण खाली पदों को भरते हुए छात्रों की पढ़ाई में रुकावट रोकना होता है।
संविदा शिक्षकों की आवश्यकता
संविदा शिक्षकों की नियुक्ति तब होती है जब कोई नियमित शिक्षक रिटायर हो जाता है, स्थानांतरण लेता है, या लंबी छुट्टी पर होता है। इसका उद्देश्य छात्रों की शैक्षणिक प्रक्रिया को निर्बाध रूप से जारी रखना है। संविदा शिक्षकों को उनके कार्य के आधार पर भुगतान किया जाता है, और उनका कार्यकाल अस्थायी होता है।
स्थायी नियुक्ति की कोई योजना नहीं
शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि संविदा शिक्षकों को स्थायी नियुक्ति देना संभव नहीं है। KVs और JNVs में शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति योग्यता और अनुभव के आधार पर की जाती है। संविदा शिक्षक केवल विशेष परिस्थितियों में तात्कालिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए रखे जाते हैं।
KVs और JNVs में शिक्षक भर्ती की स्थिति
- केंद्रीय विद्यालयों (KVs): उत्तर प्रदेश में 974 नियमित शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। इनमें 19 PGTs, 516 TGTs, और 439 PRTs शामिल हैं।
- जवाहर नवोदय विद्यालयों (JNVs): कक्षा 6 से 12 तक के लिए 226 नियमित पद स्वीकृत हैं, जिनमें 173 TGT और 53 PGT के पद हैं।
बच्चों की पढ़ाई की निरंतरता प्राथमिकता
सरकार और स्कूल प्रशासन का मुख्य उद्देश्य बच्चों की पढ़ाई को बाधित होने से बचाना है। संविदा शिक्षकों की अस्थायी नियुक्ति इस समस्या को हल करने में सहायक है, जबकि स्थायी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया समय-समय पर चलती रहती है।