उत्तराखंड मदरसों में संस्कृत अनिवार्य

Trainee | Thursday, 28 Nov 2024 02:13:02 PM
Sanskrit is compulsory in Uttarakhand madrassas

उत्तराखंड में संस्कृत को मदरसों में अनिवार्य विषय के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को विविध भाषाओं का ज्ञान प्रदान करना और उनकी शैक्षणिक संभावनाओं को बढ़ाना है। उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून काजमी ने इस फैसले की घोषणा की।

संस्कृत को अनिवार्य बनाने का उद्देश्य

  • संस्कृत एक प्राचीन भाषा है, जो छात्रों को आधुनिक शिक्षा के साथ पारंपरिक भाषाओं का ज्ञान देगी।
  • संस्कृत और अरबी का ज्ञान दोनों धर्मों और संस्कृतियों के बीच सहयोग बढ़ाने में मदद करेगा।
  • जल्द ही संस्कृत शिक्षा विभाग और मदरसा बोर्ड के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर होंगे।

पुरानी मांग का समाधान

  • 6 साल पहले मदरसा वेलफेयर सोसाइटी ने संस्कृत को मदरसे के सिलेबस में शामिल करने की मांग उठाई थी।
  • अब इस मांग को स्वीकार कर मदरसों में संस्कृत पढ़ाए जाने का रास्ता साफ किया गया है।

मदरसों का आधुनिकीकरण और नई शिक्षा प्रणाली

  • राज्य के 416 पंजीकृत मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया गया है।
  • यह छात्रों को इंजीनियर, डॉक्टर, आईएएस, और आईपीएस जैसे करियर विकल्पों के लिए तैयार करेगा।
  • छात्रों को राष्ट्रीय कार्यक्रमों और शैक्षणिक गतिविधियों से जोड़कर उनके व्यापक विकास पर ध्यान दिया जा रहा है।

मदरसों में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम

उत्तराखंड सरकार का यह निर्णय मदरसों को आधुनिक और समावेशी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह प्रयास छात्रों को न केवल मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ेगा बल्कि उन्हें सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टिकोण से मजबूत बनाएगा।



 


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