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उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा ने पूरे इलाके को दहला दिया। मस्जिद से लगातार "सब्र बनाए रखें, यह केवल सर्वे है" जैसे संदेश दिए जा रहे थे, फिर भी हालात बेकाबू हो गए। एक चश्मदीद ने बताया कि मस्जिद के अनाउंसमेंट के बावजूद, बाहर का माहौल उग्र था।
हिंसा के दृश्य:
चश्मदीद ने कहा, "हमने घर से बाहर झांका तो देखा कि लोग हंगामा कर रहे थे और पत्थरबाजी हो रही थी। हम डर के मारे घर में ही रहे और दरवाजे बंद कर लिए। मस्जिद से अनाउंसमेंट हो रहा था, लेकिन भीड़ ने इसे नजरअंदाज कर दिया।" उन्होंने यह भी बताया कि हिंसा फैलाने वाले अधिकतर लोग बाहर से आए थे, जबकि स्थानीय लोग अपने घरों में दुबके रहे।
पुलिस कार्रवाई और प्रशासन की भूमिका:
हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 19 पुलिसकर्मी और चार अधिकारी घायल हुए। पुलिस ने स्थिति पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इलाके में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं और हर कोने पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया। प्रशासन ने हिंसा में शामिल 800 से अधिक लोगों पर केस दर्ज किया है और सीसीटीवी फुटेज के जरिए उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।
बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक:
हिंसा के बाद प्रशासन ने एक दिसंबर तक संभल में बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने हिंसा प्रभावित क्षेत्र में जाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें हापुड़ में रोक लिया गया। उनका कहना था, "हम अपने लोगों से मिलकर सांत्वना देना चाहते हैं।"
स्थिति अब भी तनावपूर्ण:
संभल में हुई इस हिंसा ने पूरे इलाके को अशांत कर दिया है। प्रशासन द्वारा शांति बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं, लेकिन हालात पूरी तरह सामान्य होने में अभी समय लगेगा।