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फार्मर रजिस्ट्री (Farmer Registry) किसानों के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का एक अहम कदम है। दिसंबर 2024 तक यह प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है। इसके बिना, किसान पीएम किसान सम्मान निधि और अन्य योजनाओं के लाभ प्राप्त नहीं कर सकेंगे। सरकार ने इसे किसानों की आय बढ़ाने और योजनाओं को पारदर्शी तरीके से पहुंचाने के लिए अनिवार्य किया है।
फार्मर रजिस्ट्री की प्रक्रिया:
फार्मर रजिस्ट्री को आसान बनाने के लिए सरकार ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध कराए हैं:
ऑनलाइन विकल्प:
- वेब पोर्टल (https://upfr.agristack.gov.in)
- पोर्टल पर गाटा संख्या, परिवार के सदस्यों की जानकारी, और अन्य विवरण दर्ज किए जा सकते हैं।
- मोबाइल ऐप (Farmer Registry UP):
- स्मार्टफोन पर इस ऐप के जरिए किसान आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
ऑफलाइन विकल्प:
- जिन किसानों को ऑनलाइन प्रक्रिया में कठिनाई हो, वे नजदीकी जन सेवा केंद्र (CSC) जाकर अपनी रजिस्ट्री करा सकते हैं।
- आवश्यक दस्तावेज़:
- खतौनी की प्रमाणित प्रति
- फैमिली आईडी नंबर या राशन कार्ड
- आधार कार्ड और आधार से लिंक मोबाइल नंबर
रजिस्ट्री में दर्ज जानकारी:
फार्मर रजिस्ट्री में किसानों की निम्नलिखित जानकारी दर्ज की जाती है:
- किसान का नाम और पिता का नाम
- स्वामित्व वाले गाटा की संख्या
- सह-खातेदार होने की स्थिति में हिस्सेदारी का विवरण
- किसान का मोबाइल नंबर और आधार संख्या
- ई-केवाईसी से जुड़ी जानकारी
रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि:
सरकार ने 31 दिसंबर 2024 को अंतिम तिथि निर्धारित की है। इसके बाद रजिस्ट्री के बिना किसान सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा सकेंगे।
योजनाओं का लाभ:
दिसंबर 2024 के बाद फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य होगी। इसके फायदे:
- पीएम किसान सम्मान निधि और अन्य योजनाओं का सीधा लाभ।
- फसल खराब होने या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में मुआवजा प्राप्त करना आसान।
- फसली ऋण के लिए रजिस्ट्री एक वैध दस्तावेज़।
- बाढ़, सूखा, और अन्य आपदाओं के समय प्राथमिकता।