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इंटरनेट डेस्क। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की इस बार लोकसभा चुनाव प्रचार में भारतीय जनता पार्टी की ओर से ज्यादा सक्रियता देखने को नहीं मिली है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से राजे को लोकसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में शमिल किया था, लेकिन पूर्व सीएम ने खुद को केवल झालावाड़ तक ही सीमित कर लिया है। झालावाड़ सीट से भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह को टिकट दिया है।
राजे अभी तक ज्यादा अपने बेटे के लिए प्रचार करती हुई नजर आई हैं। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रचार से राजे की दूरी के अलग- अलग मायने निकाल रहे हैं। सियासी जानकारों के एक वर्ग का मानना है कि पूर्व सीएम राजे के प्रचार से दूर रहने पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को फायदा होगा।
ऐसा हुआ तो राजे को मिल सकता है फायदा
जबकि एक वर्ग का तो मानना है कि भारतीय जनता पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव में राजस्थान में हैट्रिक नहीं लग पाती है तो सीएम भजनलाल शर्मा की कुर्सी संकट में पड़ सकती है। इसका फायदा वसुंधरा राजे को मिल सकता है। वहीं एक एक वर्ग का तो ये भी मानना है कि वसुंधरा राजे गुट दबाव की रणनीति पर काम कर रहा है।
भारतीय जनता पार्टी हैट्रिक लगना बहुत मुश्किल
बहुत से सियासी जानकारों को तो भी माना है कि इस बार राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी हैट्रिक लगना बहुत ही मुश्किल है। इस बाद के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के कब्जे से 6-7 सीटें निकल सकती हैं। राजस्थान में इस बार कांग्रेस ने तीन सीटों के लिए गठबंधन किया है।
PC: deccanherald
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