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इंटरेनट डेस्क। राजस्थान में गहलोत और पायलट के झगड़े का पटाक्षेप भले ही मीडिया की नजरों में आलाकमान ने कर दिया हो लेकिन दोनों के मनों का मिलना मुश्किल है। यह बात तो साफ है की आलाकमान के डर से भले ही ये पायलट और गहलोत अपने आपको एक दिखाने की कोशिश करे लेकिन ये संभव है नहीं। दिल्ली दरबार में बैठकों के बाद यह कह दिया गया है की दोनों ने फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया है।
लेकिन इस बैठक के पहले ही गहलोत ने एक और बयान देकर पायलट की टेंशन बढ़ा दी है। उन्होंन पायलट का नाम नहीं लिया लेकिन इशारों को कौन नहीं समझता है। सीएम अशोक गहलोत ने कहा किसी कार्यकर्ता की इतनी हिम्मत नहीं है कि वह कहे यह पद लूंगा। यह नहीं लूंगा। गहलोत ने कहा- ऐसे फॉर्मूले मैंने अपनी जिंदगी में कभी नहीं सुने। कोई नेता मांगे कि यह चीज मुझे मिल जाए या हाईकमान उसे ऑफर करें कि आप कौन सा पद लोगे? ऐसा रिवाज मैंने कभी कांग्रेस में नहीं देखा।
आपको बता दे की दिल्ली में पायलट और गहलोत के बीच होने वाली बैठक से पहले उन्होंने ये सारी बाते कही उन्होंने साथ में ये भी कहा की कांग्रेस में ऐसी स्थिति नहीं आई है कि आप किसी को मनाने के लिए पद ऑफर करो। गहलोत ने कहा- हाईकमान और कांग्रेस पार्टी आज भी इतना मजबूत है कि ऐसी स्थिति नहीं आई है। कांग्रेस बहुत मजबूत संगठन है। जानकारी के लिए बता दे की बीच में ये चर्चाए तेज हो गई थी की पायलट को राजस्थान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाया जा सकता है जिसके बाद वो सभी चीजे मान सकते है। इसी पर गहलोत ने ये बात कही है।
PC- bbc