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जयपुर। राजस्थान की भाजपा सरकार पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए नए जिलों को लेकर जल्द ही बड़ा कदम उठा सकती है। सरकार की ओर से इस संबंध में तैयारियां शुरू कर दी है। इसी के तहत अब उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचन्द बैरवा नए जिलों के पुनर्गठन के लिए गठित उच्च स्तरीय विशेषज्ञ कमेटी 15 दिवस के भीतर नए जिलों के गठन सम्बन्धित सभी व्यवहारिक बिन्दुओं पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
सोमवार को शासन सचिवालय में राजस्व विभाग के साथ नए जिलों के पुनर्गठन को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचन्द बैरवा ने स्पष्ट किया कि नए जिलों के गठन का मूल उद्देश्य राजनीति से प्रेरित ना होकर जनहित आधारित होना चाहिए।
डॉ. प्रेमचन्द बैरवा ने इन बातों को ध्यान रखने के दिए हैं निर्देश
डॉ. प्रेमचन्द बैरवा ने राजस्व विभाग के अधिकारियो को निर्देश दिए कि नए जिलों के पुनर्गठन की प्रक्रिया आमजन की सुविधा को ध्यान में रखकर, आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता, भौगालिक स्थिति, जनसंख्या आदि की मॉनिटरिंग के आधार पर की जाए।
नए जिलों के पुनर्गठन को लेकर आयोजित बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद
शासन सचिवालय में राजस्व विभाग के साथ नए जिलों के पुनर्गठन को लेकर आयोजित बैठक में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, राजस्व मंत्री हेमन्त मीना, राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश सहित विभागीय अधिकारी मौजद रहे।
आपको बता दें कि प्रदेश की भजनलाल सरकार की ओर से पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की कई योजनाओं की समीक्षा करवाई जा रही है। भजनलाल सरकार ने विधानसभा सभा चुनाव से ठीक पहले गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए तीन जिलों के गठन को रद्द कर दिया है।
PC: dipr.rajasthan
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