Rajasthan Politics: Tika Ram Jully ने इस बात के लिए केन्द्र व राज्य सरकार की उदासीनता को बताया है जिम्मेदार

Hanuman | Friday, 22 Nov 2024 03:28:35 PM
Rajasthan Politics: Tika Ram Jully has blamed the indifference of the central and state governments for this.

इंटरनेट डेस्क। राजस्थान मेें नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अलवर क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण से बने भयावह हालात के लिए केन्द्र व राज्य सरकार की उदासीनता जिम्मेदार बताया है। इस संबंध में राजस्थान कांग्रेस क वरिष्ठ नेता टीकाराम जूली ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दी है। 

टीकाराम जूली ने इस संबंध में ट्वीट किया कि अलवर क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण से बने भयावह हालात के लिए केन्द्र व राज्य सरकार की उदासीनता जिम्मेदार है। केन्द्रीय पर्यावरण, वानिकी एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव अलवर से लोकसभा सांसद हैं, वहीं राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा भी अलवर से हैं। इसके बावजूद ‘राजस्थान का सिंहद्वार’ अलवर क्षेत्र वायु प्रदूषण की गम्भीर त्रासदी को झेल रहा है। 25 नवम्बर को अलवर नगर का 250वां स्थापना दिवस है। इस अवसर पर केन्द्र व राज्य सरकार अरावली के अंचल में बसे अलवर क्षेत्र को ‘स्वच्छ, हरित व सुन्दर’ बनाने के लिए प्रभावी कार्ययोजना घोषित करे। 

टीकाराम जूली ने इस संबंध में आगे कहा कि मैंने अलवर और भिवाड़ी में एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) की बिगड़ती स्थिति के लिए पहले भी चेताया था, लेकिन केन्द्र व राज्य सरकार की नींद नहीं उड़ी । अब दिल्ली में एक्यूआई की अनियंत्रित स्थिति के कारण भिवाड़ी में एक्यूआई 500 तक पहुंच गया, वहीं अलवर शहर में 300 तक पहुंच गया। इससे लोग सीने व आंखों की जलन से जूझ रहे हैं। पूरा अलवर शहर ‘स्मॉग’ की चपेट में हैं। 

युद्धस्तर पर कार्यायोजना लागू करने की जरूरत 
टीकाराम जूली ने लिखा कि मेरा केन्द्र व राज्य, दोनों के वन एवं पर्यावरण मंत्रियों से सवाल है कि वे 25 नवम्बर को ऐतिहासिक नगरी अलवर के स्थापना दिवस पर इसे वायु प्रदूषण से मुक्त करने के लिए क्या सौगात देने जा रहे हैं।  अलवर क्षेत्र को ‘स्वच्छ, हरित व सुन्दर’ बनाने के लिए युद्धस्तर पर कार्यायोजना लागू करने की जरूरत है। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) में अलवर क्षेत्र को प्राथमिकता से लेकर विशेष कार्यनीति घोषित की जाए। उन्होंने कहा कि अलवर जिले में ग्रेप-4 की पाबंदी लागू होने से खनन, क्रेशर, ईंट भट्टे तथा निर्माण कार्य बंद हैं। इससे हजारों दिहाड़ी श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। 

PC: patrika.
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