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PC: patrika
पिछली अशोक गहलोत सरकार के दौरान शुरू की गई राजीव गांधी युवा मित्र योजना एक बार फिर चर्चा में आ गई है। बांसवाड़ा-डूंगरपुर संसदीय क्षेत्र से भारतीय आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा है। रोत ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से राजीव गांधी युवा मित्रों को बहाल करने का आग्रह किया है, जिन्होंने योजना बंद होने के बाद अपनी नौकरी खो दी थी, जिससे राजस्थान में करीब 5,000 युवा बेरोजगार हो गए थे।
राजकुमार रोत का मुख्यमंत्री को पत्र सांसद राजकुमार रोत ने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि ''राजीव गांधी युवा मित्रों द्वारा ज्ञापन के माध्यम से मुझे अवगत कराते हुए बताया गया कि प्रदेश में राजीव गांधी युत्रा मित्र योजना अन्तर्गत पांच हजार युवा मित्र कार्यरत थे। परन्तु राज्य सरकार द्वारा इन युवा मित्रों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया था। जिसके कारण इन युवा मित्रों और उनके परिवारों को भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है।''
रोत ने अपने पत्र में आगे लिखा कि ''इन युवा मित्रों ने अपने अधिकारों की मांग को लेकर जयपुर के शहीद स्मारक पर 72 दिनों तक शांतिपूर्ण धरना दिया था। सरकार ने आचार संहिता का हवाला देते हुए उन्हें पुनः नियुक्ति का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। रोत ने मुख्यमंत्री से युवा मित्रों को पुनः बहाल करने और उन्हें जल्द से जल्द राहत प्रदान करने की अपील की।''
दिसंबर 2023 में बंद हो गई थी योजना
गौरतलब है कि गहलोत सरकार के कार्यकाल में करीब 5 हजार राजीव गांधी युवा मित्र कार्यरत थे। लेकिन भजनलाल सरकार के सत्ता में आने के बाद 31 दिसंबर 2023 तक योजना बंद कर दी गई। इसके बाद बेरोजगार युवा मित्रों ने जयपुर में शहीद स्मारक पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन के दौरान कई युवा मित्र बीमार पड़ गए और दौसा के लालसोट निवासी राजकुमार गुप्ता की दुखद मौत हो गई।
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