- SHARE
-
pc: navbharattimes
राजस्थान की राजनीति में भाजपा के वरिष्ठ नेता किरोड़ी लाल मीना का नाम हमेशा चर्चा में रहता है। हाल ही में लोकसभा चुनाव के दौरान दौसा सीट पर पार्टी की हार को लेकर उनकी भावनाएं फिर से उभरकर सामने आईं। एक खास बयान में उन्होंने अपनी निराशा जाहिर करते हुए कहा कि जिस तरह से नेता बदल गए हैं, उसी तरह से जनता भी बदल गई है। उन्होंने गंगापुर सिटी विधायक की खास तौर पर आलोचना की और कहा कि जनता ने ऐसे लोगों को चुना है जो दावा करते हैं कि आदिवासी या मीना समुदाय हिंदू नहीं हैं। उन्होंने सवाल किया कि अब बताइए इसमें गलती किसकी है? जनता की या उम्मीदवारों की।
“राजनेताओं की तरह जनता भी बदल गई है”
लोकसभा चुनाव के दौरान किरोड़ी लाल मीना ने दौसा सीट से भाजपा प्रत्याशी कन्हैया लाल मीना को जिताने के लिए कड़ी मेहनत की थी। उन्होंने जनता को चेतावनी दी थी कि अगर कन्हैया लाल हार गए तो वे मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। कन्हैया लाल की हार के बाद किरोड़ी लाल ने अपनी बात रखी और इस्तीफा दे दिया। हाल ही में सवाई माधोपुर में किरोड़ी लाल ने फिर अपनी निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि राजनेताओं की तरह ही जनता भी बदल गई है, जो ऐसे आदमियों को जीता देती है, जो आदिवासी या मीणा हिंदू नहीं है, ऐसा बोलते है। उन्होंने इसको लेकर गंगापुर सिटी के विधायक पर जमकर निशाना लगाया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग अगर चुनाव जीत कर जाते हैं, तो इसमें किसकी गलती है?
pc: NDTV Rajasthan
"भगवान का अपमान करने वाले भी चुनाव जीत रहे हैं"
किरोड़ी लाल मीना ने गंगापुर सिटी विधायक पर सीधा हमला किया, उन पर सनातन धर्म का अपमान करने का आरोप लगाया। हमारे भगवान राम और गणेश जी को गाली दे रहा है, फिर भी अगर वह जीत रहा है, जो उनके अनुसार राजनीति में गिरते मानकों का संकेत है। उन्होंने आश्चर्य और चिंता व्यक्त करते हुए सवाल किया कि भगवान को गाली देने वाले व्यक्ति सत्ता के पदों पर कैसे चुने जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से इस बात पर विचार करने का आग्रह किया कि आखिर गलती किसकी है - जिनकी वजह से ऐसे लोग चुने जा रहे हैं।
pc:ABP News
मंत्री बनने पर मै तो शिखंडी बन गया
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मैं वचन दे चुका हूं, जो मैंने विधानसभा चुनावों में दिया था। मैं किसी के सामने सिर झुकाने वाला नहीं हूं, सिर झुकेगा तो जनता जनार्दन के सामने झुकेगा। मुझे पद से मोह क्यों नही है, हर चीज का समय होता है। भगवान राम की सिंहासन पर बैठने की सभी तैयारियां हो गई थीं, लेकिन उन्हें पिता के आदेश से वनवास जाना पड़ा। जब भगवान राम को ही सिंहासन छोड़ना पड़ा, तो डॉक्टर किरोड़ी लाल तो छोटी से चीज है। उन्होंने कहा कि मंत्री बनने पर तो मैं शिखंडी बन गया, जो करने की शक्ति थी, वो भी गायब हो गई। हठीले हमीर, जिसने अपने वचन निभाने के लिए प्राण न्यौछावर कर दिया, दुश्मन के सामने सिर नहीं झुकाया।
अपडेट खबरों के लिए हमारा वॉट्सएप चैनल फोलो करें