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जयपुर। राजस्थान में अब लोगों को आसानी से पट्टा मिल जाएगा। राजस्थान सरकार की ओर से इस संबंध में बड़ा कदम उठाया जाएगा। भजनलाल सरकार की ओर से अब पट्टा जारी करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर आवेदक को 30 दिन में पट्टा देना सुनिश्चित किया जाएगा।
नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने शुक्रवार को विधानसभा में नगरीय विकास एवं आवासन विभाग (मांग संख्या-39) एवं स्वायत्त शासन विभाग (मांग संख्या-40) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब देते हुए ये जानकारी दी है।
नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने इस दौरान कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों के सुझावों को शामिल करते हुए पट्टा जारी करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर पूर्ण पारदर्शी बनाया जा रहा है। पट्टे के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया आरंभ की जाएगी, जिसमें संबंधित निकाय आवेदन के 30 दिन के भीतर आवेदक को पट्टा जारी करेगा या निरस्त करेगा।
कोई कमी-खामी होने पर मिलेगी आवेदक को जानकारी
खर्रा ने इस दौरान कहा कि आवेदन में कोई कमी-खामी होने पर नगरीय निकाय एक सप्ताह की अवधि में उसकी जानकारी आवेदक को देगा। पट्टा निरस्त होने की स्थिति में आवेदक प्रशासनिक अधिकारियों की समिति के समक्ष पुन: आवेदन कर सकेगा। अगर गलत तरीके से पट्टा निरस्त करना पाया जाता है, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
अब कोई भी मुआवजे का नाजायज फायदा नहीं उठा सकेगा
उन्होंने कहा कि जमीन मुआवजे के संबंध में गत 12 जुलाई को आदेश जारी कर पूर्व के आदेशों की खामियों को दूर किया गया है। एक ही जोन में डीएलसी दर अलग-अलग हो सकती है, लेकिन आरक्षित दर एक ही होती है। नए आदेश में समतुल्यता लाते हुए मुआवजे का आधार डीएलसी दर को रखा गया है, जिससे अब कोई भी मुआवजे का नाजायज फायदा नहीं उठा सकेगा।
PC: patrika
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